
श्रीविष्णु शान्ताकारं मंत्र
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंवन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।। यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि

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पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था।मतलब पिता से भी पहले कौनसी

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले! आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो मनुष्य को पहले ही पता

अग्रसेन जी ही परमार्थ हे,बाकी सब स्वार्थ हें। अग्रवालो की क्या पहचान है। गर्ग :एक जज्बा है,बंसल :खेतों में लहराती

हिन्दू कौन है , क्या आप जानते हैं ? यदि नहीं जानते हैं, तो जो मैंने पढा़, उसे आप भी

ईश्वर ने अपनी माया से चौरासी लाख योनियों की रचना की लेकिन जब उन्हें संतोष न हुआ तो उन्होंने मनुष्य

हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस

“ऋग्वेद” के ” ब्रहस्पति अग्यम ” में हिन्दू शब्द का उल्लेख इस प्रकार आया हैं :- “ हिमालयं समारभ्य*यावद् इन्दुसरोवरं

ऋषि पञ्चमी- २०२३ * सभी स्नेहीजनों कोऋषि पंचमी- २०२३की हार्दिक शुभकामनाएं.! हर वर्ष गणेश चतुर्थी के अगले दिन ऋषि पंचमी

ऐसी सत्य घटना साझा कर रहे हैं, जिसे पढ़ते ही हृदय भगवान के लिए व्याकुल हो जाये..?? दिनांक: 1 नवंबर