सुखी जीवन
सुख को प्राप्त करने के लिए हम दौडते रहते हैं। हमे जंहा से भी सुख की प्राप्ति होती है हम
सुख को प्राप्त करने के लिए हम दौडते रहते हैं। हमे जंहा से भी सुख की प्राप्ति होती है हम
एक दो बार समझाने से यदि कोई नही समझ रहा है, तो सामने वाले को समझाना छोड़ दीजिए… बच्चे बड़े
्मनुष्य को सदा देश और काल को समझते हुए ही अपने आचरण व्यवहार स्वभाव और कर्मों को बरताने का निश्चय
जरा ध्यान से पढ़ें जीवन की यही सच्चाई है 🙏🙏🙏 मत परेशान हो, क्योंकि आमतौर पर… 1. चालीस साल की
ॐ आनन्दमय 🙏🏽ॐ शान्तिमयआनंद और शांति भगवत विधान को पालन करने मे है । भगवन सभी मनुष्य क्षण क्षण में
अब हीं बनी है बात, औसर समझि घात,तऊ न खिसात, बार सौक समझायो है ।आजु काल्हि जैहैं मरि, काल-व्याल हूँ
जिस तरह अशुद्ध सोने को भट्ठी में गलाने से उसकी अशुद्धियाँ पिघलकर बाहर निकल जाती हैं और भट्ठी में केवल
जीवन बहुत ही अनिश्चित और अनियंत्रित होता है।जीवन की इस लंबी पारी में न जाने कौन कौन और किस प्रकार
बड़े बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कि हमें अपने जीवन में समस्त कार्यों को एक निश्चित समय पर ही करना चाहिए.
“प्रेम के जन्म का पहला सूत्र है: प्रेम दान है, भिक्षा नहीं। इसलिए जीवन में देने की तरफ दृष्टि जगनी