
दो खाली पीपे
आज की अमृत कथा * खाली पीपे
एक बहुत बड़ा सौदागर नौका लेकर दूर-दूर के देशों में लाखों-करोड़ों रुपए
आज की अमृत कथा * खाली पीपे
एक बहुत बड़ा सौदागर नौका लेकर दूर-दूर के देशों में लाखों-करोड़ों रुपए
“यशोदा मुक्तिगेहिनी”-कठोपनिषद3 भगवान की कृपा शक्ति व श्रम का आश्रय लेकर यशोदा रूपी मुक्ति ने प्रभु को बाँध लिया। बिना
शादी के लिऐ देखने गई मां ने समधन से कहा, सुयश मेरा एकलौता बेटा है, जैसा नाम वैसा गुण ।
एक बार नारद जी ने भगवान से प्रश्न किया कि प्रभु आपके भक्त गरीब क्यों होते हैं?तो भगवान बोले –
हरे कृष्ण
मंदिर तो आपने देखे ही होंगे। मंदिरों की छतों पर एक विशेष प्रकार की आकृति बनाई जाती है।
व्रज गोपियों ने श्री कृष्ण के साथ इतनी गहरी प्रगाढ़ आत्मीयता बाँधी कि कृष्ण प्रेम ही उनका जीवन हो गया।श्री
नित्या और नमन नवविवाहित जोड़ा मध्य भारत से पहुंच गया सुदूर दक्षिण भारत के महानगर में अपनी नई गृहस्थी बसाने।
ब्रजरानी यशोदा भोजन कराते-कराते थोड़ी सी छुंकि हुई मिर्च लेकर आ गई क्योंकि नन्द बाबा को बड़ी प्रिय थी। लाकर
एक माँ थी उसका एक बेटा था। माँ-बेटे बड़े गरीब थे। एक दिन माँ ने बेटे से कहा
।। श्रीहरि: ।। सहस्र कवच नाम का एक असुर था जो भगवान सूर्यदेव का अनन्य भक्त था। वैसे उसका असली