तारा भोजन की कहानी
एक राजा की लड़की तारा भोजन करती थी। उसने अपने पिताजी से कहा, पिताजी मुझे नौ लाख तारे बनवा दो,
एक राजा की लड़की तारा भोजन करती थी। उसने अपने पिताजी से कहा, पिताजी मुझे नौ लाख तारे बनवा दो,
यह जगत तुम्हारा घर है। अगर एक क्षण को भी तुम्हारा भीतर का वार्तालाप टूट जाए…सारे सत्संगों का, सारे गुरुओं
एक राजा के पास कई हाथी थे, लेकिन एक हाथी बहुत शक्तिशाली था, बहुत आज्ञाकारी, समझदार व युद्ध-कौशल में निपुण
एक संत के आश्रम में एक शिष्य कहीं से एक तोता ले आया।और उसे पिंजरे में रख दिया।संत ने कई
🪷 🪷 एक बार काग्भुशुण्ड ने ब्रह्मा जी से कहा – राम ने जब दशरथ के घर में जन्म लिया
बहुत समय पहले की बात है एक विख्यात ऋषि रघुवीर गुरुकुल में बालकों को शिक्षा प्रदान किया करते थे उनके
एक बार एक शिष्य ने अपने गुरू से पुछा- गुरुदेव ये सफल जीवन क्या होता है? गुरु शिष्य को पतंग
एक साधु प्रत्येक घर के सामने खड़ा होकर पुकारता।माई! मुठ्ठी भर मोती देना.. ईश्वर, तुम्हारा कल्याण करेगा.. भला करेगा।’ साधु
ॐ नमः शिवायः एक बार की बात है, देवताओं के राजा इंद्र ने किसानों से किसी कारण से नाराज होकर
एक बार एक राजा ने गाव में रामकथा करवाई और कहा की सभी ब्राह्मणो को रामकथा के लिए आमत्रित किया