
नरसिंह_अवतार
हिरण्यकश्यपों के घर में भी,भक्त प्रह्लाद जन्म ले आते हैं.. निर्जीव स्तंभों के भीतर भी,जब भगवान प्रकट हो जाते हैं..

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महामंडेस्वर महादेव जिनका मंदिर है देहरादून से128 km दूर लाखामंडल नामक स्थान पर– लाखामंडल नाम दो शब्दों से बना है,

उत्तराखंड देवभूमि है। यहां पंच प्रयाग में दर्शन से जीवन में उल्लास आता है। ये प्रमुख पंच प्रयाग हैं👉 विष्णुप्रयाग,

।। श्रीहरि: ।। वैसे तो पूरे भारतवर्ष को ही तीर्थों का स्थल कहा जाये तो कुछ भी गलत नहीं होगा।

श्री वृंदावन धाम में एक विरक्त संत रहते थे जिनका नाम था पूज्य श्री सेवादास जी महाराज ! श्री सेवादास

. . . एक ऐसा मंदिर जिसमे पानी की जगह देशी घी (मक्खन) का इस्तेमाल किया गया- हाँ जी,राजस्थान के

ठाकुर जी को गर्मी से राहत दिलाने के लिएमंदिरों में तरह-तरह के फूल बंगले बनाने की अनूठीपरम्परा है और इनके

पाकिस्तान के लसबेला से अरब सागर से छूकर निकलता 150 किमी तक फैला रेगिस्तान। बगल में 1000 फीट ऊँचे रेतीले

प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न किया। प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने

ब्रज में बसंत पंचमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक 40 दिवसीय होली मनाई जाती है, इसलिये कहा भी गया है सारे