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हरि ॐ तत्सत जय सच्चिदानंद जिसे हवा सुखा नहीं सकती, अग्नि जला नहीं सकतीजल गला नहीं सकता, अस्त्र शस्त्र काट
हरि ॐ तत्सत जय सच्चिदानंद जिसे हवा सुखा नहीं सकती, अग्नि जला नहीं सकतीजल गला नहीं सकता, अस्त्र शस्त्र काट
दिया मिट्टी का है या सोने का, यह महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि वो अंधेरे में प्रकाश कितना देता है यह
कुछ समय अपने लिए निकालो बैठ कर अपने अन्तर्मन से अपने लिए बात करो। कोई भी समस्या हो जब उसके
सुदामा के चावलों में दखल न थी- प्रेम थामालिनी कुब्जा की कोई शक्ल न थी- प्रेम थाधन्ना की पूजा में
संसार का दूसरा नाम है समस्या और प्रभु का दूसरा नाम है समाधान, हर उलझन और हर तकलीफ मे सदैव
*मेरे नैन मिले वा छलिया से क्या बात कहूँ उन नैनन की*,*नैनों के भंवर में उरझि गयी सुध बुध न
आएगा जाने कब वो दिन बैठेंगे तेरे द्वार पर… भजनों को हम सुनाएंगे* *बाबा मेरी विनती सुनो जाना ना हाथ
अपने हिस्से की खुशियों में से कुछ खुशियाँ बाँटकर जो मुस्कुराया है, यकीन मानिए उसे परमात्मा ने समय समय पर
संसार का दूसरा नाम है समस्या और प्रभु का दूसरा नाम है समाधान, हर उलझन और हर तकलीफ मे सदैव
श्रीहरिः अरे, विषयोंमें इतना क्यों रम रहा है? कभी उनसे मुख नहीं मोड़ता, श्रीहरिका भजन कर जिससे यमके फंदेमें न