Quote 17
हे श्याम श्याम नाम रस पी ले मनवाबून्द बून्द गुणकारी,कितने पी कर अमर हो गएइस रस की बलिहारी । ये
हे श्याम श्याम नाम रस पी ले मनवाबून्द बून्द गुणकारी,कितने पी कर अमर हो गएइस रस की बलिहारी । ये
हे श्यामसुंदर-शरीर वाले! हे कमलनयन! हे दीनबंधु! हे शरणागत को दु:ख से छुड़ाने वाले! हे राजा रामचंद्रजी! आप छोटे
“सुनना” सीख लो तो“सहना” सीख जाओगे, और“सहना” सीख लिया तो“रहना” सीख जाओगेइन्सान स्वयं ही अपना सबसे बड़ा दोस्त हैं और
परमात्मा आनंद दाता है प्रभु प्राण नाथ के प्रेम में भक्त डुब जाता है तब हर घङी परमात्मा के ध्यान
संकट से बचे बिना जीवन की कीमत नहीं समझी जाती और.. जब तक दम नहीं घुटता तब तक सांसों की
जय श्री राम प्यारी वा दिन कब आएगौ–वृथा चिंतन छाडिकै किशोरी,,मन सहज रुप ध्याएगौ—लीला सरोवर बहे जित कुंजन,,तन दौडी दौडी
जिस तरहा हम जल धारा के सम्पर्क में आते ही स्वच्छ और निर्मल हो जाते है उसी तरहा हरि नाम
मै सबसे ज्यादा होशियार हूँ, यही सोच हमें जिदगी में आगे नही बढ़ने देती है। गलत तरीके अपनाकर सफल होने
खुशियाँ नहीं मिलती माँगने से… मंजिल नहीं मिलती रूक जाने से..भरोसा रखना ख़ुद पर और भगवान पर.. सब कुछ देता
राम राम नाम को हम बहुत मजबुती से पकड़ कर रख ले । इस धागे पर नाम सिमरण के प्रतिदिन