कथाएं (Katha)

मिट्टी के पुतले

एक मक्खी एक हाथी के ऊपर बैठ गयी हाथी को पता न चला मक्खी कब बैठी। मक्खी बहुत भिनभिनाई आवाज

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“सर्वोत्तम भक्त”

भगवान श्रीराम ने भरतजी की प्रशंसा की तो उन्होंने कहा- ‘प्रशंसा तो आपकी क्योंकि मुझे आपकी छत्रछाया मिली। आप स्वभाव

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श्री गौरदासी भाग 6

गतांक से आगे – श्रीवृन्दावन में पहुँच कर रात्रि में यमुना तट पर गौरा ने विश्राम किया था…यमुना जल और

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