हरि व्यापक सर्वत्र समाना 🙏
मानस -चिंतन जब सभी देवता यहाँ तक स्वयं ब्रह्मा और विष्णु जी असमंजस में थे कि वो परब्रह्म परमात्मा मिलेगा
मानस -चिंतन जब सभी देवता यहाँ तक स्वयं ब्रह्मा और विष्णु जी असमंजस में थे कि वो परब्रह्म परमात्मा मिलेगा
अक्सर कुछ लोग सोचते है कि सतगुरु से ज्ञान अर्थात नामदान लिये कई वर्ष हो गए थोड़ा बहुत भजन सिमरन
बात उस समय की है जब श्री तपासेजी उत्तरप्रदेश के राज्यपाल थे | श्री तपासे जी बाबा का दर्शन करने
एक आदमी जंगल से गुज़र रहा था ।उसे चार स्त्रियां मिली ।उसने पहली से पूछा – बहन तुम्हारा नाम क्या
कल सुबह मैं होली की खरीदारी करने मार्केट जा रहा था।ठाकुर जी (बाल रुप) मुझसे कहने लगे :- बाबा मैं
सर्वप्रथम मिट्टी से निर्मित समस्त शरीरों को उनमें स्थित गुणों अवगुणों के आधार पर मनुष्यों ने उन सबका नामकरण किया!
पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में इंटरव्यू देने के लिए
सुना है: एक स्कूल में एक शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा था। और वह कुछ सवाल पूछ रहा था गणित
ब्रह्माजी बोले :–हे नारद ! जब यह समाचार गुणनिधि को मिला तो उसे अपने भविष्य की चिंता हुई। वह कई
मैं अपने निवास स्थान योगेश भवन से निकलकर नजदीक ही स्थित भंवरताल पार्क की ओर जाने लगा। मेरी वह चाल