
जब नारद जी को राधा रानी ने दर्शन दिये”
. “ एक समय नारद जी यह जानकर की, भगवान् श्री कृष्ण ब्रज में प्रकट हुए हैं वीणा बजाते हुए
. “ एक समय नारद जी यह जानकर की, भगवान् श्री कृष्ण ब्रज में प्रकट हुए हैं वीणा बजाते हुए
शब्द ही किसी मनुष्य के संस्कारों के मुल्यांकन का सबसे प्रभावी और सटीक आधार होते हैं। मनुष्य के केवल शब्द
वैदिक पथिक-गोस्वामी तुलसीदासजी ने एक बड़ीगूढ़ बात कही है – रवि पंचक जाके नहीं, ताहि चतुर्थी नाहिं।तेहि सप्तक घेरे रहे,
एक आठ साल का लड़का गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास गाँव घूमने आया। एक दिन वो
एक बार की बात है एक संत जग्गनाथ पूरी से मथुरा की ओर आ रहे थे उनके पास बड़े सुंदर
एक भक्त के दिल की तङफ होती है कब मेरे अन्दर वैराग्य आएगा। भक्त सोचता है पुरण वैराग्य आ जाए
भारतभूमि के चार प्रमुख पर्वों है, दशहरा, दीपावली,होली और रक्षाबंधन में रक्षाबंधन ही सबसे प्राचीन है। यह एक मात्र पर्व
आज का प्रभु संकीर्तन।जीवन का आनंद लेने के लिए हमारे अंदर आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है।बिना आत्मविश्वास के हम
आज का प्रभु संकीर्तन।।भगवान को पाने का सर्वोत्तम,सहज और अत्यंत सुलभ मार्ग भक्ति मार्ग है।इस धरा धाम पर आने के
।। ॐ ।। ईश्वर एक है या अनेक ! वह साकार है या निराकार ! इस विषय के क्रम में