श्री सूर्य मन्त्र-
।। ॐ सूर्याय नमः ।। श्रीसूर्यमन्त्र-ॐ ह्राँ ह्रीं सः इति त्र्यक्षरं मन्त्रः। ॐ अस्य श्रीसूर्यमन्त्रस्य अज ऋषिः, गायत्री छन्दः, सूर्यो
।। ॐ सूर्याय नमः ।। श्रीसूर्यमन्त्र-ॐ ह्राँ ह्रीं सः इति त्र्यक्षरं मन्त्रः। ॐ अस्य श्रीसूर्यमन्त्रस्य अज ऋषिः, गायत्री छन्दः, सूर्यो
श्रीरामभक्त हनुमानजी के मंत्र, श्लोक और स्तोत्र जपने से हमेशा भक्तो का उद्धार होता आया है, क्योंकि कालों के काल
कई बार मानव अपने जीवन में आ रहे दुःख ओर संकटो से मुक्ति पाने के लिये किसी विशेष मन्त्र का
श्रील प्रभु जब आप जप करते हैं तो आपका मन पूरे ब्रह्मांड में भटक रहा होता है।फिर भी जप करो!
💝🚩॥ ….👉……….🚩💝 एक बार अवश्य पढ़िए ॐ का जप करते समय 108 प्रकार की विशेष भेदक ध्वनि तरंगे उत्पन्न होती
अगर रोग में औषधि और पथ्य के साथ साथ इन मंत्रों का उपयोग करने से जल्दी लाभ होता है। 1-
।। नमो राघवाय ।। र’, ‘अ’ और ‘म’, इन तीनों अक्षरों के योग से ‘राम’ मंत्र बनता है। यही राम
‘‘अमन्त्रमक्षरं नास्ति नास्तिमूलमनौषधम्’’ अर्थात कोई ऐसा अक्षर नहीं, जो मंत्र न हो और कोई ऐसी वनस्पति नहीं, जो औषधि न
शास्त्रों में अनेकों बीज मन्त्र कहे हैं, आइये बीज मन्त्रों का रहस्य जाने १👉 “क्रीं” इसमें चार वर्ण हैं! [क,र,ई,अनुसार]
ॐ बं बुधाय नमः।ॐ अस्य श्रीबुधमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, पङ्क्तिश्छन्दः, बुधो देवता, बुं बीजं, आपः शक्ति, बुधप्रीतये जपे विनियोगः। ॐ ब्रह्माऋषये