
सब कुछ तुम ही हो
भगवान जी तुम कहते हो मांग ले ये तन मन ये आत्मा में तुम्हारा निवास है। सब कुछ तुम ही

भगवान जी तुम कहते हो मांग ले ये तन मन ये आत्मा में तुम्हारा निवास है। सब कुछ तुम ही

दीनबंधु कृपासिंधु कृपा बिंदु दो प्रभो।उस कृपा की बूंद से फिर बुद्धि ऐसी हो प्रभो।वृत्तियां दूत गामिनी हो, जा सम्मावे

एक जुलाहा और एक ब्राह्मण की आपस में गहरी मित्रता थी। दोनों वैष्णव थे। और आपसी बैठक में

एक बार एक आदमी को अपने बाग़ में टहलते हुए किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून (छता)

एक दिन मैं सड़क से जा रहा था, रास्ते में एक जगह बोर्ड लगा था, ईश्वरीय किराने की दुकान…!! मेरी

ग्रथों में पढते हैं भगवान से मिलने के लिए विरह वेदना प्रकट करो तभी भगवान मिलेगे । ये दिल वेदना

ईश्वर आलोक, आनंद और अमृत के परम अनुभव का नाम है। ईश्वर को कहीं बाहर खोजा या पाया नहीं जा

एक बार की बात है वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे। नारायण नारायण !! नारदजी

हम मन्दिर में भगवान् से प्रार्थना करने आते हैं। हमारी आन्तरिक प्रार्थना होती है कि हे प्रभु प्राण नाथ स्वामी

वृंदावन रज का चमत्कार श्री वृंदावन में एक विरक्त संत रहते थे जिनका नाम था पूज्य श्री सेवादास जी महाराज।