श्री राम जी को कैसे प्राप्त करना चाहती हैं।
बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक प्रसंग. गोस्वामी तुलसीदास जी ने मानस में चार ऐसी स्त्रियों का अलग अलग स्थान पर
बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक प्रसंग. गोस्वामी तुलसीदास जी ने मानस में चार ऐसी स्त्रियों का अलग अलग स्थान पर
बोधकथा एकादशी की रात्रि में श्रीनामदेवजी के घर अखण्ड कीर्तन होता था । भगवान सूर्य के अस्ताचलगामी होते ही जनाबाई
भक्त तुलसीदास जी का अध्ययन काफी गंभीर एवं व्यापक था। अपने ग्रंथ श्री रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने भगवत् गीता
पंडित श्री जगन्नाथ प्रसाद जी ‘भक्तमाली’ के भक्तिभाव के कारण वृंदावन के सभी संत उनसे बहुत प्रभावित थे और उनके
बात तबकी है, जब प्रथम जैन तीर्थंकर श्रीआदिनाथ पृथ्वीपर राज करते थे। राज करते-करते दीर्घकाल व्यतीत हो गया, तब देवलोकमें
सुंदरकांड पढ़ते हुए 25 वें दोहे पर ध्यान थोड़ा रुक गया। तुलसीदास जी ने सुन्दर कांड में जब हनुमान जी
केतकी का पति और केतकी ठाकुर जी और किशोरी जी को बहुत मानते थे.. और उनकी कृपा से उनके घर
एक राजा की लड़की तारा भोजन करती थी। उसने अपने पिताजी से कहा, पिताजी मुझे नौ लाख तारे बनवा दो,
रामनवमी पर पढिये विशेष कथा जब युधिष्ठिर अपनी माता और भाइयों को साथ लिए वनवास कर रहे थे, तब उन्हें
वास्तव में रामायण इंसान के अलग-अलग मनोभावों का ताना-बाना है। इसकी हर घटना इंसान की आंतरिक स्थिति का ही प्रतिबिंब