श्रीराम रचित शम्भु स्तुति ।।
लंका प्रवेश के लिए समुंद्र पर सेतु निर्माण के समय भगवान श्रीराम ने रामेश्वरम में महादेव को प्रसन्न करने के
लंका प्रवेश के लिए समुंद्र पर सेतु निर्माण के समय भगवान श्रीराम ने रामेश्वरम में महादेव को प्रसन्न करने के
तुलसीदासजी जब रामचरित- मानस लिख रहे थे, तो उन्होंने एक चौपाई लिखी सिय राम मय सब जग जानी,करहु प्रणाम जोरी
आज भारतीय सभ्यता ने अपने पुनरुत्थान और प्रस्थान के लिए जिस चरित्र को चुना, वह राम हैं। ऐसा नहीं कि
एवमस्तु कहि रघुकुलनायक। बोले बचन परम सुखदायक॥सुनु बायस तैं सहज सयाना। काहे न मागसि अस बरदाना॥॥एवमस्तु’ (ऐसा ही हो) कहकर
कार्तिक की कहानियाँ 🌹🌻सत्यवान की कहानी🌻🌹 *एक दादी और एक पोती थी, जो रोज सत्यवान की कहानी सुनती थीं। लोटे
।। नमो राघवाय ।। कहहु नाथ सुंदर दोउ बालक।मुनिकुल तिलक कि नृपकुल पालक।। ब्रह्म जो निगम नेति कहि गावा।उभय बेष
ԶเधेԶเधे !! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !! ԶเधेԶเधे
असि रघुपति लीला उरगारी। दनुज बिमोहनि जन सुखकारी॥जे मति मलिन बिषय बस कामी। प्रभु पर मोह धरहिं इमि स्वामी॥॥भावार्थ:-हे गरुड़जी!
एक दिन बाल कृष्ण एक वृक्ष के नीचे बैठे वासुरी बजा रहे थे, तभी उनकी नजर यमुना किनारे खड़े एक
दोहा प्रनतपाल रघुबंसमनि ,त्राहि त्राहि अब मोहि।आरत गिरा सुनत प्रभु ,अभय करेंगे तोहि॥20॥ भावार्थ, और ‘हे शरणागत के पालन करने