
क्रोध के दो मिनट
एक युवक ने विवाह के दो साल बाद परदेस जाकर व्यापार की इच्छा पिता से कही. पिता ने स्वीकृति दी

एक युवक ने विवाह के दो साल बाद परदेस जाकर व्यापार की इच्छा पिता से कही. पिता ने स्वीकृति दी

भगवद्गीतासत्रहवें अध्याय की अनन्त महिमाश्रीमहादेवजी कहते हैं:- पार्वती! अब सत्रहवें अध्याय की अनन्त महिमा श्रवण करो, राजा खड्गबाहू के पुत्र

महाभारत का दृष्टान्त है । एक बार भगवान श्रीकृष्ण पांडवो के बीच बातों ही बातों में कर्ण की दानवीरता और

* *भोर मंगल आरती होने से पहले असमय, भोग का समय नहीं है। असमय श्री ठाकुर जी को भोग लगाकर

श्री क्या है श्री हरि स्तोत्र ? भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित स्तोत्र की रचना श्री आचार्य ब्रह्मानंद द्वारा

लक्ष्मण रेखा आप सभी जानते हैं पर इसका असली नाम शायद नहीं पता होगा । लक्ष्मण रेखा का नाम (सोमतिती

जय जगन्नाथ एक बार तुलसीदास जी महाराज को किसी ने बताया की जगन्नाथ जी मैं तो साक्षात भगवान ही दर्शन

संत नामदेव जी,, बचपन में अपने ननिहाल में रहते थे,, इनके नाना जी का नाम बामदेव था,, जो ठाकुर जी

* श्रीमहादेवजी कहते हैं:- पार्वती ! अब मैं गीता के सोलहवें अध्याय का माहात्म्य बताऊँगा, सुनो, गुजरात में सौराष्ट्र नामक

श्रीमहादेवजी कहते हैं:– पार्वती! अब गीता के पंद्रहवें अध्याय का माहात्म्य सुनो, गौड़ देश में कृपाण नामक एक राजा था,