
प्रभु श्रीराम की गिलहरी पर कृपा
भगवान जब किसी जीव पर कृपा करते हैं तो वे यह नहीं देखते कि उसने कितना जप, तप, पूजा-पाठ या

भगवान जब किसी जीव पर कृपा करते हैं तो वे यह नहीं देखते कि उसने कितना जप, तप, पूजा-पाठ या

बाद में यह वाराणसी के नाम से प्रसिद्ध हुआ ! यह कथा इस प्रकार है :- मगध का राजा जरासंध

प्राचीन कथा के अनुसार एक बार धरती पर विश्व कल्याण हेतु यज्ञ का आयोजन किया गया। तब समस्या उठी कि

सबसे पहले लिखा है श्रीमद्भागवत।। श्रीप्रियाजी जब श्रीकृष्ण मिलन या कृष्ण वियोग मे परम उनमादिनी होती हैं उस उन्माद में

हे परम पिता परमात्मा मै अभी तुम्हें जानता नहीं हू। कैसे भगवान से मिलन होता है भगवान का असली रूप

आज प्रभु प्राण नाथ हृदय में आये हैं। हे मेरे स्वामी जैसे तुम इस दिल में समाए हो वैसे ही

सतयुग की बात है. एक समय में भद्राश्व नामक महान राजा हुआ करते थे. भद्राश्व इतने शक्तिशाली राजा थे कि

एक गृहस्थ भक्त अपनी जीविका का आधा भाग घर में दो दिन के खर्च के लिए पत्नी को देकर अपने

हे माधव! हे मेरे सार सर्वस्व ! हे आनंदघन ! हे करुणामूर्ति !जैसे आपने सारे बृजवासियों को इंद्र के प्रकोप

कथा पढ़ने या सुनने से ही माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है, कभी धन की कमी नहीं रहती..एक गांव में साहूकार