
श्रीमद्भागवत का एक सर्वाधिक चर्चित पात्र राजा परीक्षित
महाभारत के अनुसार परीक्षित अर्जुन के पौत्र, अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र तथा जनमेजय के पिता थे। जब ये गर्भ
महाभारत के अनुसार परीक्षित अर्जुन के पौत्र, अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र तथा जनमेजय के पिता थे। जब ये गर्भ
हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस
7 दिवस = 1 सप्ताह ■ 4 सप्ताह = 1 माह , ■ 2 माह = 1 ऋतू ■ 6
वामन अवतार और राजाबलि के दान की कथा। कथा विस्तार से है मेरा निवेदन है कि कथा पूरी पढ़े। इस
ब्रह्म, ब्रह्म की शक्ति नित्यमें नहीं कभी रंचक भी भेद।जो वह, वही तुम्हीं हो, है निश्चय दोनोंमें नित्य अभेद॥-१॥शक्ति न
तत्त्व के साक्षात्कार के लिए सम्पूर्ण प्रयास होते हैं। तत्त्व जिज्ञासा होने के बाद ही श्रवण-मननादि होता है और भगवत्तत्त्व
राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए और तक्षक ( सर्प
ऋषि अगस्त्य के जन्म की कथा एक बार एक समय पर मित्र (सूर्य) और वरुण (बारिश का देवता) अप्सरा उर्वशी
पदम पुराण के अनुसार जो घर राधा रानी के चरण-चिन्हों से विभूषित होगा वहां भगवान नारायण (भगवान श्री कृष्ण) संपूर्ण
नचिकेता और यमराज के बीच हुए संवाद का उल्लेख हमें कठोपनिषद में मिलता है। नचिकेता के पिता जब विश्वजीत यज्ञ