
क्यों श्री कृष्ण ने ही किया था कर्ण का अंतिम संस्कार!!!!
कर्ण एक महान योद्ध और दानी राजा था। लेकिन कर्ण ने कुरुक्षेत्र में अपने भाइयों (पांडवो) को छोड़कर कौरवों का

कर्ण एक महान योद्ध और दानी राजा था। लेकिन कर्ण ने कुरुक्षेत्र में अपने भाइयों (पांडवो) को छोड़कर कौरवों का

एक दिन नारदमुनि कैलाश पर्वत पर शिवजी के दर्शन करने पहुँचे और उन्होंने श्रीकृष्ण एवं उद्धवजी के बीच की वार्तालाप
।। जय श्री कृष्ण ।। इटली में मुसोलिनी के यहाँ भारत के प्रतिनिधि के रूप में ओंकारनाथ गये थे। मुसोलिनी

एक बार की बात है कुछ धनवान लोग एक महापुरुष के पास जाया करते थे,परन्तु वहाँ जाकर भी उन महापुरुष

रामजी राम एक बार की बात है गुरू नानक पातशाह खेतो में से गुजर रहे थे पता नहीं किस पर

।। हर हर महादेव ।। भारत में बने हर एक मंदिर में आपको भगवान शिव की मूर्ति देखने को जरूर

सीता राम पुनीता गायो। भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥ घट सों प्रकट भई सो आई। जाको देखत चन्द्र लजाई॥ जो तुम्हरे नित

श्रीराधा-माधव’ जी के साथ…!‘प्रेमवैचित्य का बड़ा सुदंर और प्रत्यक्ष द्रश्य इस लीला में है, प्रेमवैचित्य अर्थात “मिलन और “विरह” एक

ईश्वर अपने हर भक्त को एक प्यार भरी जिम्मेदारी सौंपता है और कहता है इसे हमेशा सम्भाल का रखा जाय।

सवारियो के इंतजार मे आटो स्टैण्ड पर अपने आटो में बैठा मोहन.. बाजू के आटो में बैठे दीनू चाचा से