
हम सरीखोंको कौन जिमाता है
मानकोजी बोधला भगवान्के परम भक्त थे, उनको भगवान्के दर्शन तथा उनसे वार्तालापका सौभाग्य प्राप्त था। एक बार बातचीतमें भगवान्ने कहा-‘मुझे

मानकोजी बोधला भगवान्के परम भक्त थे, उनको भगवान्के दर्शन तथा उनसे वार्तालापका सौभाग्य प्राप्त था। एक बार बातचीतमें भगवान्ने कहा-‘मुझे

नम्र बनो, कठोर नहीं ! एक चीनी सन्त बहुत बूढ़े हो गये। देखा कि अन्तिम समय निकट आ गया है,

तुकाराम मराठा – इतिहासमें एक स्मरणीय तथा अलौकिक पुरुष हो गये हैं। वे अत्यन्त चतुर तथा विनोदी थे प्रपद्धोंसे वे

ग्वारिया बाबा वृन्दावनके एक प्रसिद्ध परम भक्त थे। वे पागलकी तरह रहते थे। एक दिन वे अपनी मस्तीमें कहीं पड़े

गरीबोंकी सेवा एक बार महात्मा गौतम बुद्धने उपदेश देते हुए कहा-‘देशमें अकाल पड़ा है। लोग अन्न एवं वस्त्रके लिये तरस

महात्मा रामलिङ्गम् इस बातको सोचकर सदा | वे खिन्न रहते थे कि मेरे पापोंका क्षय नहीं हो रहा है। वे

पापका फल स्वयंको ही भोगना पड़ता है प्राचीन कालमें सुमति नामक एक भृगुवंशी ब्राह्मण थे। उनकी पत्नी कौशिकवंशकी कन्या थी।

प्रसिद्ध संत महात्मा रूपकलाजीके बचपनकी बात है। वे उस समय प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। वे अपने दो- तीन

समुद्रतटके किसी नगरमें एक धनवान् वैश्यके पुत्रोंने एक कौआ पाल रखा था। वे उस कौएको बराबर अपने भोजनसे बचा अन्न

एक महात्मा बड़ी सुन्दर वेदान्तकी कथा कहा करते। बहुत नर-नारी सुनने जाते। उनमें एक गरीब राजपूत भी था जो आश्रमके