
महर्षि अगस्त्य की कथाएं
ऋषि अगस्त्य के जन्म की कथा एक बार एक समय पर मित्र (सूर्य) और वरुण (बारिश का देवता) अप्सरा उर्वशी

ऋषि अगस्त्य के जन्म की कथा एक बार एक समय पर मित्र (सूर्य) और वरुण (बारिश का देवता) अप्सरा उर्वशी

अनेक प्राचीन मंदिर ऐसे स्थलों या पर्वतों पर बनाए गए हैं, जहां से चुंबकीय तरंगें घनी होकर गुजरती हैं। इस

ठाकुर जी का बहुत प्यारा भक्त था जिसका नाम अवतार था।वह छोले बेचने का काम करता था। उसकी पत्नी रोज

बहुत समय पहले की बात है। किसी नगर में एक बेहद प्रभावशाली महंत रहते थे। उनके पास शिक्षा लेने हेतु

8 साल का एक बच्चा 1 रूपये कासिक्का मुट्ठी में लेकर एक दुकान पर जाकर पूछने लगा,*–क्या आपकी दुकान में

एक बार माँ सीता ने प्रभु श्रीराम से कहा- प्रभु आप हनुमानजी के ज्ञान और बुद्धिमत्ता की प्रशंसा करते रहते

एक चतुर व्यक्ति को काल से बहुत डर लगता था, एक दिन उसे चतुराई सूझी और काल को अपना मित्र

जब भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा जी को तीनों लोकों का स्वामी बना दिया तो सुदामा जी की संपत्ति देखकर

एक प्रसिद्ध ताओवादी कहानी कहती है कि एक महान सम्राट ने अपने देश के महानतम चित्रकार से हिमालय की पर्वत

*प्रख्यात संत को उनके तीन जन्मों का दृश्य उनके गुरुदेव ने दिखाया उनमें से प्रथम थे सन्त कबीर, दूसरे समर्थ