
तुम खो जाओ परमात्मा मिल जाऐंगे
एक प्रसिद्ध ताओवादी कहानी कहती है कि एक महान सम्राट ने अपने देश के महानतम चित्रकार से हिमालय की पर्वत
एक प्रसिद्ध ताओवादी कहानी कहती है कि एक महान सम्राट ने अपने देश के महानतम चित्रकार से हिमालय की पर्वत
*प्रख्यात संत को उनके तीन जन्मों का दृश्य उनके गुरुदेव ने दिखाया उनमें से प्रथम थे सन्त कबीर, दूसरे समर्थ
“” द्वारिका जाने को तैयार सुदामा ने चावल की पोटली बांधती पत्नी से कहा।तीन मुट्ठी तन्दुल?यह भला कैसा उपहार हुआ
. जगतगुरु वल्लभाचार्य जी हमारे श्रीनाथ जी की सेवा करते थे। उन दोनों में पिता पुत्र का अद्भुत प्रेम
.श्री नर्मदा किनारे एक उच्च कोटि के संत विराजते थे जिनका नाम श्री वंशीदास ब्रह्मचारी जी था।.उनका नित्य का नियम
. श्रीजयदेव जी भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमी भक्त थे। आपके हृदय में श्रीकृष्ण प्रेम हिलौरे लेता रहता था। उसी
वृन्दावन में बिहारी जी की अनन्य भक्त थी । नाम था कांता बाई… बिहारी जी को अपना लाला कहा करती
हरि बोल हरि बोल नदी पर कपड़े धोते हुए धोबी ने कहा, बाबा आगे जाओ हरि बोल हरि बोल बाबा
गणिका थीं श्रीवारमुखीजी। लोक और वेद-दोनोंसे गर्हित था उनका कर्म परंतु प्रभुकी कृप किसपर हो जाय, कब किसके किस जन्मका
जब कभी एक बार भी बिना निमित्त के तुम अपने से जुड़ जाते हो, तो घटना घट गई। कुंजी मिल