एक कदम परमात्मा की ओर
किसी नगर में एक सेठजी रहते थे। उनके घर के नजदीक ही एक मंदिर था। एक रात्रि को पुजारी के
किसी नगर में एक सेठजी रहते थे। उनके घर के नजदीक ही एक मंदिर था। एक रात्रि को पुजारी के
.संत होथी काठियावाड़ के नेकनाम गाँव के मुसलमान थे। बचपन से ही मोरार साहेब की भजन मण्डली में जाते और
एक सज्जन रेलवे स्टेशन पर बैठे गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी जूते पॉलिश करने वाला एक लड़का आकर
आइए मिलते हैं यह हैं मुकेश जी … आपको आश्चर्य हुआ ना … ये जाति से ब्राह्मण हैं और इनका
जनक बड़े ब्रह्मवेत्ता थे. उनके पास ज्ञानियों का जमावड़ा रहता था. एक ऋषि ने अपने पुत्र को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति
।।श्रीहरिः।। संत पुरूष कहते हैं कि पुत्री हो तो करमैती बाई जैसी। राजस्थान के सीकर जिले की खंडेला निवासी भक्त
दया नहीं, सेवा नहीं- पूजा आजकल समाजसेवाके नामपर बहुतसे स्वार्थी तत्त्व जिस तरह प्रच्छन्नरूपसे अपने ही हित-साधनमें लगे रहते हैं,
हिरण्यकशिपु जब स्वयं प्रह्लादको मारनेके लिये उद्यत हुआ और क्रोधावेशमें उसने सामनेके खंभेपर घूसा मारा तब उसी खंभेको फाड़कर नृसिंह
अजीब सादगी प्रसिद्ध साहित्यकार एच0जी0वेल्सका तीन मंजिला भव्य मकान था, लेकिन वे स्वयं एक छोटे से कमरे में सादगीभरी जिन्दगी
असली यज्ञ काशीसे पाँच मील दूर गंगाके तटपर स्थित एक कुटिया में ‘मोकलपुरके बाबा’ इस नामसे प्रसिद्ध परम विद्वान् संत