
आरती रघुवर लाला की
आरती रघुवर लाला की, सांवरिंया नैन विशाला की।कमल कर धनुष बाण धारे,सैलोने नैना रतनारे, छवि लख कोटी काम हारे,अलक की

आरती रघुवर लाला की, सांवरिंया नैन विशाला की।कमल कर धनुष बाण धारे,सैलोने नैना रतनारे, छवि लख कोटी काम हारे,अलक की

प्रभु राम क्या गाऊं कैसे तुम्हें रिझाऊं, प्रभु राम तुम धकङकन में समाये हो दिल के हर कोने से, पुकार

एक भक्त के दिल की तङफ होती है कब मेरे अन्दर वैराग्य आएगा। भक्त सोचता है पुरण वैराग्य आ जाए

क्या गाऊँ प्रभु मेरे तुम धकङकन में समाए दिल के हर कोने में पुकार तुम्हारी आती है फिर भी दिल

भारतीय संसद भवन के उद्घाटन समारोह में सर्व धर्म समारोह को देखकर मन बहुत प्रसन्न हुआ। हमारी संस्कृति में अनेकता

अब तो भगवान ही करेगा, भगवान जैसा करेगा वैसे ही ठीक है। आज हम थोङी सी कठीन परिस्थिति आने पर,

जय श्री राम हमे देखना यहीं है हम दिन भर में प्रभु मे कितने खोते हैं। प्रभु प्रेम में खोने

हम सत्संग में परमात्मा को अनेकों भावों से मनाते हैं। परमात्मा की विनती करते हुए कहते हैं कि हे परमात्मा

मन्दिर में सगुण साकार की पुजा की जाती है हम मन्दिर में जाकर सभी भगवान के सामने धुप दिपक जलाते

सत्संग बहुत दुर्लभ है और जिसे सत्संग मिलता है उस पर ईश्वर की विशेष कृपा होती हैं।बिनु सतसंग बिबेक न