जय बृहस्पति देव जी महराज
हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव को सभी देवताओं का गुरु माना जाता है। गुरुवार के व्रत में बृहस्पति देव की
हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव को सभी देवताओं का गुरु माना जाता है। गुरुवार के व्रत में बृहस्पति देव की
एक गाँव मे संत श्री रामदास सत्संग का प्रवचन करने के लिये ठहरे हुये थे वो बहुत ही शालीन स्वभाव
प्रत्येक मनुष्य स्वयं को दूसरे से श्रेष्ठ समझता है।और दूसरों से आशा भी रखता है।इसलिए वह दूसरे व्यक्ति में दोष
गुरु की महिमा गोविन्द से भी अधिक बतायी गयी हैं, पर यह महिमा उस गुरु की है, जो शिष्य का
कुलपति स्कंधदेव के गुरुकुल में प्रवेशोत्सव समाप्त हो चुका था। कक्षाएँ नियमित रूप से चलने लगी थीं। उनके योग और
एक बार आश्रम में एक नया शिष्य आया, आश्रम के नियमानुसार उसे भी प्रतिदिन संध्या – उपासना करनी थी !
प्रभु प्रेमी संघ ।। श्री: कृपा ।।🌿 पूज्य “सद्गुरुदेव” जी ने कहा – ज्ञान का अभाव दुःख और व्याकुलता की
सहजो की कुटिया के बाहर प्रभु प्रकट हुए और बोले हम स्वयं चलकर आऐ हैं तुम्हे हर्ष नही? सहजो ने
एक गाँव में एक साधू महाराज रहते थे । साधू महाराज जहाँ भी जाते, नाम जप पर उपदेश देते थे
एक बार एक शिष्य ने अपने गुरु से जीवन जीने का सही समय पूछा। तब वह शिष्य को अपने साथ