गुरुदेव (Gurudev)

हृदय परिवर्तन

एक गाँव मे संत श्री रामदास सत्संग का प्रवचन करने के लिये ठहरे हुये थे वो बहुत ही शालीन स्वभाव

Read More...

दो बाते याद रखो

प्रत्येक मनुष्य स्वयं को दूसरे से श्रेष्ठ समझता है।और दूसरों से आशा भी रखता है।इसलिए वह दूसरे व्यक्ति में दोष

Read More...

बड़ा सरल है उसे पाना

कुलपति स्कंधदेव के गुरुकुल में प्रवेशोत्सव समाप्त हो चुका था। कक्षाएँ नियमित रूप से चलने लगी थीं। उनके योग और

Read More...

“चंचल मन”

एक बार आश्रम में एक नया शिष्य आया, आश्रम के नियमानुसार उसे भी प्रतिदिन संध्या – उपासना करनी थी !

Read More...

गुरु भक्ति

सहजो की कुटिया के बाहर प्रभु प्रकट हुए और बोले हम स्वयं चलकर आऐ हैं तुम्हे हर्ष नही? सहजो ने

Read More...