हनुमानद्वादशनाम एवं पंचरत्न स्तोत्रं
हनुमानजी के इन १२ नामों का जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने
हनुमानजी के इन १२ नामों का जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने
हनुमान जी की मान्यता पर विचार करें, इस जगत में जितने पूजाघर हैं, सबसे अधिक हनुमान जी के हैं। सबसे
नमस्ते देवदेवेश नमस्ते राक्षसान्तक। नमस्ते वानराधीश नमस्ते वायुनन्दन।। नमस्त्रिमूर्तिवपुषे वेदवेद्याय ते नमः। रेवानदी विहाराय सहस्रभुजधारिणे।। सहस्रवनितालोल कपिरूपाय ते नमः। दशाननवधार्थाय
ॐ श्रीसमस्तजगन्मङ्गलात्मने नमः। श्रीदेव्युवाच शैवानि गाणपत्यानि शाक्तानि वैष्णवानि च। कवचानि च सौराणि यानि चान्यानि तानि च।।१।। श्रुतानि देवदेवेश त्वद्वक्त्रान्निःसृतानि च।
।। ।। ॐ आञ्जनेयाय नमः।ॐ महावीराय नमः।ॐ हनूमते नमः।ॐ मारुतात्मजाय नमः।ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः।ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः।ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः।ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः।ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे
हनुमानजी के जीवन में यह विशेषता है कि जो इनके सम्पर्क में आया, उसे इन्होने किसी-न-किसी प्रकार भगवान् की ‘सन्निधि
श्रीराम भक्त हनुमान साक्षात एवं जाग्रत देव हैं। हनुमानजी की भक्ति जितनी सरल है उतनी ही कठिन भी। कठिन इसलिए
श्री गुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधार।बरनहु रघुवर विमल यश जो दायक फल चार।। “हे मन रूपी हनुमान
श्रीरामभक्त हनुमानजी के मंत्र, श्लोक और स्तोत्र जपने से हमेशा भक्तो का उद्धार होता आया है, क्योंकि कालों के काल
सनातनधर्म में श्रीरामचरितमानस न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि इसके चरित्र और पात्र आदर्श व्यावहारिक जीवन के सूत्रों और संदेशों