
हनुमद्-वडवानल-स्तोत्रम्
।। ।। हनुमान वडवानल स्तोत्रम् की रचना विभीषण द्वारा की गयी है। यह मन्त्र हनुमान जी की स्तुति और आराधना
।। ।। हनुमान वडवानल स्तोत्रम् की रचना विभीषण द्वारा की गयी है। यह मन्त्र हनुमान जी की स्तुति और आराधना
श्रीकृष्ण भगवान द्वारका में रानीसत्यभामा के साथ सिंहासन पर विराजमान थे,निकट ही गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी बैठे हुए थे।तीनों
एकदा सुखमासीनं शङ्करं लोकशङ्करम्।पप्रच्छ गिरिजाकान्तं कर्पूरधवलं शिवम्।।१।। पार्वत्युवाच-भगवन् देवदेवेश लोकनाथ जगत्प्रभो।शोकाकुलानां लोकानां केन रक्षा भवेद्ध्रुवम्।।२।। सङ्ग्रामे सङ्कटे घोरे भूतप्रेतादिके भये।दुःखदावाग्निसन्तप्तचेतसां
!! Bhagwan Hanuman !! Bhagwan Hanuman is the great hero of the Ramayana, the wonderful story’s most fascinating character. Though
श्रीहनुमान जी को चोला चढाने से साधक को श्रीहनुमान जी कृपा प्राप्त होती है। ऐसा करने से श्री हनुमानजी प्रसन्न
हनुमानजी के इन १२ नामों का जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने
हनुमान जी की मान्यता पर विचार करें, इस जगत में जितने पूजाघर हैं, सबसे अधिक हनुमान जी के हैं। सबसे
नमस्ते देवदेवेश नमस्ते राक्षसान्तक। नमस्ते वानराधीश नमस्ते वायुनन्दन।। नमस्त्रिमूर्तिवपुषे वेदवेद्याय ते नमः। रेवानदी विहाराय सहस्रभुजधारिणे।। सहस्रवनितालोल कपिरूपाय ते नमः। दशाननवधार्थाय
ॐ श्रीसमस्तजगन्मङ्गलात्मने नमः। श्रीदेव्युवाच शैवानि गाणपत्यानि शाक्तानि वैष्णवानि च। कवचानि च सौराणि यानि चान्यानि तानि च।।१।। श्रुतानि देवदेवेश त्वद्वक्त्रान्निःसृतानि च।
।। ।। ॐ आञ्जनेयाय नमः।ॐ महावीराय नमः।ॐ हनूमते नमः।ॐ मारुतात्मजाय नमः।ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः।ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः।ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः।ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः।ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे