श्री बांके बिहारी जी के दर्शन कर स्वयं क्यों बहते हैं आंखों से आंसू।
बांके बिहारी के दर्शन करें तो आंखें बंद करने के बजाय उनसे नजरें मिलाएं, तब सफल होंगे दर्शन, जानिए क्यों?मथुरा
बांके बिहारी के दर्शन करें तो आंखें बंद करने के बजाय उनसे नजरें मिलाएं, तब सफल होंगे दर्शन, जानिए क्यों?मथुरा
पौराणिक काल में एक वृंदा नाम की लड़की थी। उसका जन्म राक्षस कुल में हुआ था। वृंदा बचपन से ही
जाकौं वेद रटत ब्रह्मा रटत, शम्भु रटत शेष रटत ।नारद शुक व्यास रटत, पावत नहीं पार री ॥ध्रुवजन प्रह्लाद रटत,
*आनन्द तो केवल श्री कृष्ण प्रेम में है।* *कोई भक्त,रसिक जब लम्बी गहरी सांस लेकर..आँखों में प्रेमाश्रु भर कर..आह कृष्ण…हे
एक व्यक्ति बहुत परेशान था।उसके दोस्त ने उसे सलाह दी कि कृष्ण भगवान की पूजा शुरू कर दो।उसने एक कृष्ण
आजु मैं गाइ चरावन जैहौं।बृन्दावन के भाँति भाँति फलअपने कर मैं खैहौं ।ऐसी बात कहौ जनि बारे,देखौ अपनी भाँति।तनक तनक
राम का घर छोड़ना एक षड्यंत्रों में घिरे राजकुमार की करुण कथा है और कृष्ण का घर छोड़ना गूढ़ कूटनीति।
एक बार की बात है, वृन्दावन में एक संत रहा करते थे. उनका नाम था कल्याण. बाँके बिहारी जी के
*ऐसी लगन लगा दे तू , उठ उठ कर मैं रातों को**कभी मैं पकडू माला को , कभी मैं जोडू
भगवान की प्रत्येक लीला रहस्यों से भरी होती है। वे कब कौन-सा काम किस हेतु करेंगे, इसे