
रामायण में उरमिला का विस्वास
मेघनाद से युद्ध करते हुए जब लक्ष्मण जी को शक्ति लग जाती है और श्री हनुमानजी उनके लिये संजीवनी का
मेघनाद से युद्ध करते हुए जब लक्ष्मण जी को शक्ति लग जाती है और श्री हनुमानजी उनके लिये संजीवनी का
सब सखियों ने मिलकर किशोरी जी और कान्हा के लिए सुंदर सी फूलों की सेज तैयार की हुई है और
ठाकुर जी के प्रेमी भक्त ‘श्री जयकृष्ण दास बाबा जी’ के जीवन का एक सुंदर प्रसंग उल्टी रीति == अगर
चरणों में आकर तेरे बस जाऊं दुर कही ना जाऊं।जिंदगी भर को बस तेरे नयनों में कैद हो जाऊं॥ढूंढ सके
जब रात को नींद खुले तब उस प्यारे के सपनो में खो जाओधीरे-धीरे प्रभु का प्रेम से नाम लो ।यह
इस शरीर से ही हम परम तत्व परमात्मा तक पहुंचते हैं। अध्यात्म के मार्ग में करके देखने पर स्वयं ही
परमात्मा की प्रार्थना से बढ़कर जीवन में कोई काम हो नहीं सकता है। प्रार्थना के लिए धुप दीप से पुजा
ये तो प्रेम की बात है उधो, बंदगी तेरे बस की नहीं है।यहाँ सर देके होते है सौदेआशकी इतनी सस्ती
मुझे चर्नो से लगा लेमेरे श्याम मुरली वालेमेरे श्याम मुरली वालेमेरी साँस साँस मे तेराहै नाम मुरली वालेहै नाम मुरली
सुनो टेर मेरी, अहो कृष्ण प्यारेकनक पाट खोलो, हैं द्वारे पे आयेसुना है पतितों को पावन बनातेसुना है कि दुखियों