
पर्वत तो राधारानी ने ही उठाया
राधा रानी की शक्ति गोवर्धन लीला के बाद समस्त ब्रजमंडल के कृष्ण के नाम की चर्चा होने लगी, सभी ब्रजवासी

राधा रानी की शक्ति गोवर्धन लीला के बाद समस्त ब्रजमंडल के कृष्ण के नाम की चर्चा होने लगी, सभी ब्रजवासी

“जब श्रीकृष्ण ने अपने कान्हा रूप को गोपियों से छुपा लिया और ‘नटवर गोपी’ बन गए अब एक अद्वितीय लीला

एक दिन श्रीराधा अत्यधिक रूष्ट हो गईं।श्रीकृष्ण बहुत प्रकार के उपायों द्वारा भी उन्हें प्रसन्न करने में असमर्थ

दिव्य दम्पति की आरती उतारो हे अलीलाला नंद जू को छौना वृषभानु की ललीदिव्य दम्पति की आरती उतारो हे अलीपद

वृन्दावन की गोपियों से लेकर दर्द दीवानी मीरा तक, इस सांवरी सलोनी सूरत के अनेक प्रेमी हुए हैं और हर

राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी कैसे खत्म हुई और क्या हुआ फिर राधा का, कैसे हुआ था उनका अंत!!!!! कई वर्षों

कृष्ण के साथ राधा का नाम ऐसे जुड़ा है जैसे काया के साथ छाया जुड़ी होती है। लेकिन शास्त्र कहते

सखी! दोउ, झूलत मृदु मुसकात।ज्योँ सखि! गगन मगन मन घनगन, घनन – घनन घननात।त्योँ सखि! इत घनश्याम मगन मन, झूलत

बहूत सुंदर लीला है राधा कृष्ण की (जिसके हृदय में श्रीकृष्ण का दिव्यप्रेम है, वही श्री राधा के प्रेम को

राधाजी और श्रीकृष्ण का प्रेम अलौकिक था। राधा कृष्ण के प्रेम को सांसारिक दृष्टि से देखेंगे तो समझ ही नहीं