
भगवान श्री राम के बारे में कुछ तथ्य ।।
।। ‘राम’ यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। राम कहने मात्र से शरीर

।। ‘राम’ यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। राम कहने मात्र से शरीर

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है तो यह जानना आवश्यक है कि राम का महत्व क्या

मूर्तिकार की अनुभूति गर्भगृह में प्रवेश करते ही मूर्ति की आभा बदल गई रामलला की मूर्ति बनते हुए देखनें रोज

जेहि सरीर रति राम सों सोइ आदरहिं सुजान।रुद्रदेह तजि नेहबस बानर भे हनुमान।। (दोहावली १४२) अर्थात्–सज्जन उसी शरीर का आदर

(अंक – १)श्री रामचरितमानस में राम कथा का प्रारंभ मुनि भारद्वाज एवं ज्ञानी याज्ञवल्क्य के संवाद से प्रारंभ होता है।

राम दरअसल प्रत्येक रूप में एक आदर्श हैं । कहते हैं कि पूर्णावतार कृष्ण थे , कृष्ण सोलह कलाओं से

अयोध्या धाम सजा है मेरे दिल में प्रशन उठता है अयोध्या धाम क्या मंदिर सजा है अयोध्या धाम में प्राण

आज भारतीय सभ्यता ने अपने पुनरुत्थान और प्रस्थान के लिए जिस चरित्र को चुना, वह राम हैं। ऐसा नहीं कि

जनक जी को पाती- रामजी के धनुष तोड़ने के बाद जनक जी लग्न- पत्रिका अयोध्या भेजते है- बरात लाने के

जय राजा राम जय सीताराम राम सारे राज्य में ढोंढी पिटवा दो, उनके राजा राम अयोध्या वापिस आ रहे हैं।