महादेव का वह मंदिर जहाँ पर मृत व्यक्ति
भी कुछ समय के लिए जीवित होता है-
महामंडेस्वर महादेव जिनका मंदिर है देहरादून से128 km दूर लाखामंडल नामक स्थान पर– लाखामंडल नाम दो शब्दों से बना है,
महामंडेस्वर महादेव जिनका मंदिर है देहरादून से128 km दूर लाखामंडल नामक स्थान पर– लाखामंडल नाम दो शब्दों से बना है,
नमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।।१।। अर्थ-हे मोक्षस्वरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म और वेदस्वरूप, ईशान दिशा के ईश्वर
The intriguing name Pashupati means ‘the Lord of beasts’ or the ‘Lord of animals’. It derives from the Sanskrit words
परमपिता परमेश्वर देवाधिदेव महादेव नन्दी पर आरूढ़ हैं। आधार में यंत्र निर्मित है। जल-लहरी विलक्षण रूप से निर्मित हैं। यह
त्रिदेवों में शिव एक हैं. ब्रह्मदेव जहां सृष्टि के रचयिता माने गए हैं, वहीं विष्णु पालक और शिव संहारक माने
देवताओ ओर दैत्यो ने मिल कर जो सागर मंथन किया था और उस मे से जो सामग्री निकली थी उस
एक गाँव के बाहर छोटा सा शिव मन्दिर था, जिसमें एक वृद्ध पुजारी रहते थे। एक दिन एक गरीब माँ
दरिद्रता और ऋण के भार से दु:खी व संसार की पीड़ा से व्यथित मनुष्यों के लिए प्रदोष पूजा व व्रत
नम: श्री गुरु चरणकमलेभ्यो नमः! ॐ श्री काशी विश्वनाथ विजयते सर्वविपदविमोक्षणम् नेह चात्यन्त संवास: कर्हिचित् केनचित् सह ।राजन् स्वेनापि देहेन
आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा, निर्विकार ओमकार अविनाशी तुम्ही देवाधि देव ,जगत