राखूं कालजे में भगतां को परिवार
परिचय : भगतो पर जब भी संकट के बादल मंडराते है,माँ की लाल चुनरिया बच्चो की सिर पर ममता की
परिचय : भगतो पर जब भी संकट के बादल मंडराते है,माँ की लाल चुनरिया बच्चो की सिर पर ममता की
चढ़ के चढ़ैया मैयां दर तेरे आनी आ, चरना दे विच बह के मैं तरले पानी आ, चढ़ के चढ़ैया
शेरां वाली न पसंद किवें आई,मुहो कुज बोल चुनिये, ओ कियो झुक्दी है एस था खुदाई मुहो कुज बोल चुनिये,
रूठ गई मैया मेरी जाने किस बात से, पिगले न अनसु की बरसात से, सही ना जाए गी माँ मुझसे
ढोलक वजदी छेने वजदे गूंज रहे जयकारे, भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे, भोले माँ दे भगता ने आज
मैं तो देख आई सारे दरबार मैया का भवन प्यारा लगे, मुझे भाये नहीं कोई दवार,मैया का भवन प्यारा लगे……
जय जय माँ, जय माँ जय जय माँ, जय माँ दे माँ, निज चरणों का प्यार जय जय माँ, जय
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे, हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ । हे दरबारा
बड़े नसीब से खुशियों की घडी आई है, तेरे दरबार में क्या राजा क्या भिखारी माँ, कचेरी फर्श पर सरकार
उचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी सबकी झोली भरे माता रानी, तुम हो शारदा लक्ष्मी तुम भवानी तेरे दर की