दिव्य दंपति की आरती उतारो हे अली
दिव्य दम्पति की आरती उतारो हे अलीलाला नंद जू को छौना वृषभानु की ललीदिव्य दम्पति की आरती उतारो हे अलीपद
दिव्य दम्पति की आरती उतारो हे अलीलाला नंद जू को छौना वृषभानु की ललीदिव्य दम्पति की आरती उतारो हे अलीपद
बांके बिहारी ने लूट लिया मन मोरा । लिख दिया नाम अपना, कही का अब न छोड़ा ।। बांके बिहारी
मेरे बांके बिहारी जी,दर्शन दो अब दर्शन दो.मेरे गिरवरधारी जीदर्शन दो अब दर्शन दो मै जन्मों प्यासी हूं ,तेरे द्वार
🌤️🌤️🌤️🌤️🌤️प्रभाते भजन नटवर नागर नंदा,भजो रे मन गोविंदाशयाम सुंदर मुख चंदा,भजो रे मन गोविंदानटवर नागर नंदा… तू ही नटवरतू ही
मोहन क्या अपराध हमारा जो इतना तुम सताते होअपनी इक झलक के लिए जन्मो से हमे तड़पाते होबंसी की मधुर
श्रीराधावल्लभ लालजू के पाटोत्सव की बधाई आजु बधाई सबनु सुहाई श्रीहरिवंश सुधाम ।प्रगट भये श्रीराधावल्लभ रसिक जनन विश्राम ।।कार्तिक सुदि
आपके श्री चरणों में उमर कट जाए सारी,जिधर भी देखु दिखे युगल छवि श्याम तुम्हारी, श्याम तुम स्वामी मेरे स्वामिनी
उनको चाहा, उसकी करते हैं प्रियतम खुद चाह।जो आहें भरता है, उसके लिये स्वयं वे भरते आह॥ जिसको क्षणभर प्रिय-वियोगमें
कन्हैया को इक दिन मै रो के पुकारा कन्हैया को एक रोज रोकर पुकारा,कहा उनसे जैसा हूँ अब हूँ तुम्हारा।वे
अनुपम माधुरी जोड़ी हमारे श्याम श्यामा की।रसीली रसभरी अखियां हमारे श्याम श्यामा की।।कटीली भौं अदा बाकी, सुघर सुंदर मधुर बतियां।लटक