कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

निरखि श्याम-श्यामा छबि अनुपम

🌹देखे जब मन-मोहन मोहन प्रेमानन्द-सुधा-सागर।नित-नवरूप-महोदधि, गुण-निधि सकल कलामय, नट-नागर॥ शब्द एक निकला नहिं मुखसे, नेत्र एकटक रहे निहार।बिगलित हुआ हृदय

Read More...

नटराज

हमने उस परमात्मा को नटराज कहा है l एक मूर्तिकार, मूर्ति बनाता है, उसके बाद मूर्ति अलग है और मूर्तिकार

Read More...

तुम ही मेरे सकल सुखसदन,

मेरे धन-जन-जीवन तुम ही, तुम ही तन-मन, तुम सब धर्म।तुम ही मेरे सकल सुखसदन, प्रिय निज जन, प्राणोंके मर्म॥ तुम्हीं

Read More...

खेलत दोऊ कुंजन होरी।

खेलत दोऊ कुंजन होरी।मूठ गुलाल उडावत सजनी,ढोरत रंग कमोरी।बाजत चंग मृदंग सारंगी,गावत हैं मिल गौरी॥पिचकारी बोछारन बरसत,फेंकत बूकन झोरी।रामसखी मेरे

Read More...