स्वर्ण भूमि का कण -कण सारा
राम जन्म चोपाई मै स्वर्ण भूमि का कण -कण सारा, राम जन्म से मन है हर्षाया ।परम अयोध्या सरयू बहती,
राम जन्म चोपाई मै स्वर्ण भूमि का कण -कण सारा, राम जन्म से मन है हर्षाया ।परम अयोध्या सरयू बहती,
मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम की।मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम की। बजरंगी थारे नाम की, बाला
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,सब दुख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया । मीरा पुकारी रे गिरिधर गोपाला,ढल गया
श्री राम जय राम जय जय राम- यह सात शब्दों वाला तारक मंत्र है। साधारण से दिखने वाले इस मंत्र
मात भवानी विनती करती हूँ सजा हुआ उद्याननया वर्ष नवरात्रि आगमनमाता से विनती करती,ऐसा भारत बने हमारामन में यह इच्छा
प्रथम महीना चैत से गिनोराम जनम का जिसमें दिन।। द्वितीय माह आया वैशाख।वैसाखी पंचनद की साख।। ज्येष्ठ मास को जान
प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो,गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो….. खाली ना जाता कोई दर
सभी देशवासियों कोपावन पर्व चैत्र नवरात्रकी हार्दिक शुभकामनाएं सभी देशवासियों कोपावन पर्व चैत्र नवरात्रकी हार्दिक शुभकामनाएं ! ।। माँ दुर्गा
बांसुरी सुनूंगी मीरा बाई का भक्ति रस से परिपूर्ण पद भावार्थ और व्याख्या:यह पद भक्त शिरोमणि मीरा बाई की अटूट
यह हनुमान तांडव स्तोत्र सावधानी से पढ़ना चाहिए। इसके पढ़ने से हर तरह के संकट, रोग, शोक आदि सभी तत्काल