
लक्ष्मी मां श्रीवान बना दो,
लक्ष्मी मां श्रीवान बना दो,निर्धन हूं धनवान बना दोजग में अब सम्मान दिला दोविष्णु जी के दरस करा दोतेरी शरण

लक्ष्मी मां श्रीवान बना दो,निर्धन हूं धनवान बना दोजग में अब सम्मान दिला दोविष्णु जी के दरस करा दोतेरी शरण

रास रच्यो वृंदावन में, गूंजे मुरली तान,राधा संग श्याम झूमे, मगन भए सब प्राण। चाँदनी में रास रच्यो, मन हर

मेरा छोटा सा संसार,हरि आ जाओ एक बार। हरि आ जाओ, प्रभु आ जाओ, मेरी नईया, पार लगा जाओ मेरी
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे रामसिमरूँ निश दिन हरि नाम, यही वर दो मेरे राम ,रहे
सर्वशक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नम: परमात्मा श्री राम परम सत्य, प्रकाश रूप,परम ज्ञानानन्दस्वरूप, सर्वशक्तिमान्,एकैवाद्वितीय परमेश्वर, परम पुरुष,दयालु देवाधिदेव है, उसको

एक बार रामजी ने समस्त अयोध्यावासियों की एक सभा बुलाई,और कहा, हे समस्त नगर निवासियों! मेरी बात ध्यान से सुनिये।यह

श्रितकमलाकुचमण्डल धृतकुण्डल ए।कलितललितवनमाल जय जय देव हरे॥दिनमणिमण्डलमण्डन भवखण्डन ए। मुनिजनमानसहंस जय जय देव हरे ॥कालियविषधरगंजन जनरंजन ए।यदुकुलनलिनदिनेश जय जय देव

।। भगवती स्तोत्रम् ।। महर्षि व्यास द्वारा लिखा गया मां दुर्गा का यह स्तोत्र कल्याणकारी है। इसका पाठ करने से

माँगी नाव ना केवट आना।कहइ तुम्हार मरम मैं जाना।। चरन-कमल रज कहुँ सबु कहई।मानुष करनि मुरि कछु अहई।। इस चौपाई
नाम मेरी राधा रानी का जिस जिस ने गाया है,बांके बिहारी ने उसे अपना बनाया है,जय राधे, जय राधे, जय