
मुझे है काम ईश्वर से
मुझे है काम ईश्वर से, जगत् रूठे तो रूठन दे। बैठ सन्तन की संगत में, करू कल्याण मै अपना ।

मुझे है काम ईश्वर से, जगत् रूठे तो रूठन दे। बैठ सन्तन की संगत में, करू कल्याण मै अपना ।

नाव भी तू मेरी तू ही मेरी पतवार भी है,तू ही माझी है मेरा तू ही मझधार भी है, क्यों

निर्बल के प्राण पुकार रहे, जगदीश हरे जगदीश हरे। श्वासों के स्वर झंकार रहे, जगदीश हरे जगदीश हरे ॥ आकाश

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्मतां।।१।। रौद्राय नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः।ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै
हर सुहागिन के दिल का ये अरमान हैप्यारे पिया में बसी उसकी जान है पिया के लिए ही व्रत करती
मन मोहन रूप तुम्हारा, ह्रदय बीच बसाऊ, दो मुझको इतना ज्ञान, ध्यान आराधन की शक्ति, छूकर तुमको पावन बन जाऊं,

जीवन की रूलाती घङीयो में, मिलता है प्यार तुम्हारा मुझे, कुछ चाह नहीं बाकी रहती, प्रभु आके तेरे दरबार मुझे

भरदे रे श्याम झोली भरदे,भरदे, ना बहला ओ बातों में,ना बहला ओ, बातों में ॥ नादान है अनजान हैं,श्याम तू

श्री कृष्णःशरणं मम‼जय श्रीकृष्ण ‼श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,हे नाथ नारायण वासुदेवाय !!!!! Զเधॆ Զเधॆ !! हे नाथ!मुझमें शबरी जैसा धैर्य

पधारो नाथ पूजा को हृदय मन्दिर सजाया है तुम्हारे वास्ते आसन विमल मन का बिछाया है। लिये जल नयन पात्रों