
श्रीरामरक्षास्तोत्रम् ॥ रामरक्षा स्त्रोत हिंदी अनुवाद सहित
” श्रीगणेशायनम: ! अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य । बुधकौशिक ऋषि: । श्रीसीतारामचंद्रोदेवता ।अनुष्टुप् छन्द: । सीता शक्ति: । श्रीमद्हनुमान् कीलकम् ।श्रीसीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे जपे
” श्रीगणेशायनम: ! अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य । बुधकौशिक ऋषि: । श्रीसीतारामचंद्रोदेवता ।अनुष्टुप् छन्द: । सीता शक्ति: । श्रीमद्हनुमान् कीलकम् ।श्रीसीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे जपे
सारतत्त्व को स्पष्ट करनेवाला सुन्दर वर्णन एक बार राम ने पूछ लिया- हनुमान तुम बता सकते हो कि तुम कौन
काली अंधियारी रात बीत चुकी अब सुर्य वंशी राम का तेज पृथ्वी पर उदय हुआ है राम राज्य कहीं बाहर
राम कथा सब विधि सुखदाई, निर्मल गंगा बहती आई |पावन होता अपना जीवन, मन मंदिर से होता कीर्तन ||मात-पिता हरषाते
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में, कभी कलियों में ढूढे कभी उपवन में, पूछे पेड़ों से प्रभु जी सीता देखी
आरती रामलला की कीजै आरती रामलला की कीजै,अपनो जन्म सुफल करि लीजै। अवधपुरी अति रम्य सुहावनि,सरजू तट सुन्दर अति पावनि,निरमल
मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है चलो अयोध्या धाम कोयह राम राज्य की स्थापना है भारत की गद्दी पर एक
मच रही धूम राम नगरी में ,प्रभु राम की अयोध्या नगरी में ,देव जन बरसा रहे फूलझूम रहा नभ ,
मेरी चौखट पे चल के आजचारो धाम आये हैंबजाओ ढोल स्वागत मेंमेरे घर राम आये हैं कथा शबरी की जैसेजुड़
सिय राम के नाम सदा जपिये।जिनके पद तीनहुं लोक बसैं उनकी छवि हिय में रखिये।जिनके पद पंकज से निकसी सुरसरि