हम सब मिलकर राम रमैया गायेंगे
मच रही धूम राम नगरी में ,प्रभु राम की अयोध्या नगरी में ,देव जन बरसा रहे फूलझूम रहा नभ ,
मच रही धूम राम नगरी में ,प्रभु राम की अयोध्या नगरी में ,देव जन बरसा रहे फूलझूम रहा नभ ,
मेरी चौखट पे चल के आजचारो धाम आये हैंबजाओ ढोल स्वागत मेंमेरे घर राम आये हैं कथा शबरी की जैसेजुड़
सिय राम के नाम सदा जपिये।जिनके पद तीनहुं लोक बसैं उनकी छवि हिय में रखिये।जिनके पद पंकज से निकसी सुरसरि
हे प्रभुवर हे वैदेही वर मुझको निज चरण बसा लीजै।पद कमलों का मैं मधुप बनूं कुछ मधुरस कण बरसा दीजै।।कितने
मेरे रामसुबह-सुबह मन की भावनाओं में राम-लखन को लाकर ख्यालों में गोता लगाएं… कलरव सर-सर करती बहती सरयू के घाट
हे राम मै तुम से एक प्रार्थना करती हूं राम भक्तो के हृदय में कैसे बसे है।राम बसे है भक्तो
रघुनाथ की शोभा देखन को तिहुं लोक की शोभा अवध चली।शोभित नगरी शोभित डगरी शोभित कोशल की कुंज गली।।शोभित पलकें
राम युग आया है राम मय हुआ जग सारायह इतिहास की गोरव गाथा की रचना हैराम मंदिर भारतीय समाज कीशांति
अयोध्या में आओ, दरश पाकर जाओतुम्हे राम जी ने बुलाया हुआ है राम नाम के दो अक्षरों की है महीमा
प्रिय सुखद संसार हो तुम प्रियतम पहला प्यार हो तुम।गीत में जो बह रहे हो भावना की धार हो तुम।।