
मृगला खेत गया सब खाई
अब मैं क्या करु मेरे भाई, मृगला खेत गया सब खाई क्या करु मेरे भाई अब मैं, खेत गया सब

अब मैं क्या करु मेरे भाई, मृगला खेत गया सब खाई क्या करु मेरे भाई अब मैं, खेत गया सब

भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना । अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना ॥ दल बल

तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशान । किस ने जानी तेरी माया, किस ने भेद तिहारा पाया ।

रात रात नै जागूँ मैं तो नींदडली नही आवै रे सपणे माही रामधणी थारी प्यारी सूरत आवै रे एक रात

क्या कभी हमने सोचा था के ऐसा भी हो पायेगा, लोक रहेंगे घरो के अंदर कोई बाहर न जाएगा, क्या

साई लाडी शाह ने आप भुलाया, विच नकोदर डेरा लाया, जी करदा दर मल के बह जा, मूड घर न

दुनिया ना भाए मोहे अब तो बुला ले चरणों में चरणों में तेरे चरणों में चरणों में मेरे गीत मेरे

जितना जरुरी माँ अंचल बचो के मन भाया ही, उतना जरुरी हम बचो को सिर पे पिता का साया है,

क्यो गरब करे मन मूरख तु,जग छोङ के एक दिन जाना है, करले कुछ सुकृत जीवन मे,ये दुनिया मुसाफिर खाना

अमर आत्मा सच्चिदानद मैं हूँ, शिवोहं शिवोहं शिवोहं शिवोहं। अखिल विश्व का जो परमात्मा है, सभी प्राणियो का वो ही