
है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे,
है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे,है शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करे। बेकार वो मुख

है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे,है शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करे। बेकार वो मुख

बरसाना मिल गया है,मुझे और क्या कमी है,श्री जी भी तो मिलेगी,मुझको तो ये यकीं है,बरसाना मिल गया हैं,मुझे और

हे प्रेमरस से युक्त किशोरी जी! हे किशोर अवस्था वाली राधिके! हे प्रेमरस में सराबोर वृषभानुदुलारी! मेरे ऊपर भी कृपा

पिया तोड़ दो बंधन आज की अब रूह मिलना चाहती हैपिया तोड़ दो बंधन आज,की अब रूह मिलना चाहती है,पिया

आप सभी मुझे दोष दे रहे हैं ।मेरा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहींजरा सोचें और विचार करें
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में । हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी,कंठ शारदा माता

हरे कृष्ण हर कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरेहरे राम हरे राम राम राम हरे हरे सोलह अक्षरों का महामंत्र हरे

जो बाग़ लगाया है, फूलों से सजा देना,भगवान मेरी नईया,उस पार लगा देना ||अब तक तो निभाया है,आगे भी निभा

मुश्किल से नर तन मिला है, ये गंवाने के काबिल नहीं है।नाम हरि का हृदय से न भूलो, ये भुलाने

नाम है तेरा तारणहाराकब तेरा दर्शन होगाजिनकी प्रतिमा इतनी सुंदरवो कितना सुंदर होगावो कितना सुंदर होगा…जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदरवो कितना