विविध भजन (Vividh Bhajan)

वेदों का सद् उपदेश है

वेदों का सद् उपदेश हैवेदों का सद् उपदेश है, सुनलो ध्यान लगाय। भव बन्धन दुर होता है,आत्म के ज्ञान से,प्रभु

Read More...

तेरे आंखों के दरिया का ,

तेरे आंखों के दरिया का ,उतरना भी जरूरी था,मोहब्बत भी ज़रूरी थी,बिछड़ना भी ज़रूरी था । सब ज़रूरी है,निश्चित है,ज़रूरी

Read More...

तुम्हारा सामीप्य सांवरे

सर्वज्ञ, तृप्त, परिपूर्ण, निस्पृह करता है तुम्हारा सामीप्य सांवरेमैं पृथ्वीलोक से उठकर कर आती हूं परिक्रमासत्यलोक, क्षमालोक और शुचिलोक तक

Read More...