चमत्कारिक मंदिर की मूर्ति से बाहर आती हैं साक्षात मां दुर्गा
भारत में कई चमत्कारिक व दिव्य मंदिर हैं इन मंदिरों में अलग-अलग चमत्कार और अद्भुत चीज़ें व बातें होती रहती
भारत में कई चमत्कारिक व दिव्य मंदिर हैं इन मंदिरों में अलग-अलग चमत्कार और अद्भुत चीज़ें व बातें होती रहती
वेदों का सद् उपदेश हैवेदों का सद् उपदेश है, सुनलो ध्यान लगाय। भव बन्धन दुर होता है,आत्म के ज्ञान से,प्रभु
कुछ दिनों पुर्व सभी साधकों से एक प्रश्न किया था !!प्रश्न था आत्मा, जीवात्मा, सूक्षम आत्मा, मुक्तात्मा *किसे कहते हैं
अन्तःकरण मे ज्ञान की ज्योति जगा कर देख। भीतर है सखा तेरा, जरा मन लगा के देख अन्तःकरण मे ज्ञान
खुद तो बाहर ही खड़े रहे, भीतर भेजा पांचाली को,यतिवर बाबा के चरणों में,जाकर अपना मस्तक रख दो । अर्धरात्रि
तेरे आंखों के दरिया का ,उतरना भी जरूरी था,मोहब्बत भी ज़रूरी थी,बिछड़ना भी ज़रूरी था । सब ज़रूरी है,निश्चित है,ज़रूरी
हमें कुछ दो न दो भगवन ! कृपा की डोर दे देनातुम्हारी हो जिधर चर्चा , हृदय उस ओर दे
सर्वज्ञ, तृप्त, परिपूर्ण, निस्पृह करता है तुम्हारा सामीप्य सांवरेमैं पृथ्वीलोक से उठकर कर आती हूं परिक्रमासत्यलोक, क्षमालोक और शुचिलोक तक
चिंता छोङ दे रे इंसान,तेरे रक्षक है भगवान,श्याम श्याम राधे श्याम,राधे राधे राधे श्याम ! पल-पल ये है ध्यान रखते,कदम-कदम
अजब तेरी रघुराई गजब तेरी है मायाजीवन बीत गया तुझको ना समझ पायाअजब तेरी रघुराई गजब तेरी है माया पंचभूतो