
विरह रस से बढकर कोई रस नहीं है
गोपियाँ कृष्ण से पूछती हैं कि बता- तू जिसके ऊपर प्रसन्न होता है उसे क्या प्रदान करता है – जब
गोपियाँ कृष्ण से पूछती हैं कि बता- तू जिसके ऊपर प्रसन्न होता है उसे क्या प्रदान करता है – जब
बच्चे के जन्म के बाद छठी पूजन क्यों किया जाता है? भगवान श्रीकृष्ण का छठी पूजन उत्सव कैसे मनाया गया?
आज अधिकांश लोग यह दावा करते मिल जाते हैं कि मैं भगवान का बहुत बड़ा भक्त हूं या फला देव
आज का भगवद चिंतन।हम संसारिक बंधनो में बंधकर रिश्ते नातेदारों से जो प्रेम करते हैं वह कही न कही स्वार्थ
आज लाला एक दिन के हो गये है रेवती मैया यशोदा मैया जो को सखियों के साथ मोर पंख दे
कृष्णावतार में भगवान श्रीकृष्ण की ऐश्वर्य-लीलाओं के अनेक प्रसंग आते हैं, जिनमें भक्तों को उनकी ‘भगवत्ता’ का ज्ञान हुआ ।
।। जय श्रीकृष्ण ।। अवतार का अर्थ होता है, उतरना, अवतरण; ऊपर से आता है कोई, जगह खाली करो, कोई
आज का प्रभु संकीर्तन।भगवान कहते हैं मेरे भक्त मुझ से तुरन्त फल चाहते हैं,वो चाहते है कि मेने भगवान को
प्रभु राम क्या गाऊं कैसे तुम्हें रिझाऊं, प्रभु राम तुम धकङकन में समाये हो दिल के हर कोने से, पुकार
. “ एक समय नारद जी यह जानकर की, भगवान् श्री कृष्ण ब्रज में प्रकट हुए हैं वीणा बजाते हुए