सहारे इंसान को खोखला बनाते हैं
जीवन का आनंद लेने के लिए हमारे अंदर आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है।बिना आत्मविश्वास के हम किसी भी मंजिल
जीवन का आनंद लेने के लिए हमारे अंदर आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है।बिना आत्मविश्वास के हम किसी भी मंजिल
गतंक से आगे- कोकिल जी के गुरुदेव परम सिद्ध एक ज्ञानी पुरुष थे …ज्ञान की उच्चतम अवस्था में वो पहुँचे
बहूत सुंदर लीला है राधा कृष्ण की (जिसके हृदय में श्रीकृष्ण का दिव्यप्रेम है, वही श्री राधा के प्रेम को
स्वंयभू का मतलब होता है स्वंय से प्रकट हमारे श्री राधारमण देव जु स्वंय से प्रकट है इसलिये ये किसी
प्रभु कितने दयालु हैं, कितने कृपालु हैं; और कितने करुणामय हैं, कि हर पल जीव पर अपने अहैतु की कृपा
गतांक से आगे- “भक्ति को गुप्त रखना चाहिये , मेरी भक्ति का प्रचार प्रसार हो ऐसी कामना निन्दनीय है”। इस
गतांक से आगे – मैं मन्दिर का पुजारी था ….उस प्रसिद्ध मन्दिर के पुजारी ने कहा । था ? उन
गतांक से आगे- मानसी ध्यान सिद्ध था कोकिल साँई को …ये स्वयं मानसिक ध्यान में लीन रहते और अपने साधकों
।। जय श्रीहरि भक्ति कोई शास्त्र नहीं है- यात्रा है। भक्ति कोई सिद्धांत नहीं है- जीवन-रस है। भक्त का अर्थ
दुसायत मोहल्ला, श्रीबाँके बिहारी जी की गली में एक छोटा सा आश्रम है “सुखनिवास” । हरि जी ! भजन कीर्तन