
प्रभु राम क्या गाऊं कैसे तुम्हें रिझाऊं
प्रभु राम क्या गाऊं कैसे तुम्हें रिझाऊं, प्रभु राम तुम धकङकन में समाये हो दिल के हर कोने से, पुकार

प्रभु राम क्या गाऊं कैसे तुम्हें रिझाऊं, प्रभु राम तुम धकङकन में समाये हो दिल के हर कोने से, पुकार

. “ एक समय नारद जी यह जानकर की, भगवान् श्री कृष्ण ब्रज में प्रकट हुए हैं वीणा बजाते हुए

एक बार की बात है एक संत जग्गनाथ पूरी से मथुरा की ओर आ रहे थे उनके पास बड़े सुंदर

“एक राम घर-घर बोले, एक राम घट-घट बोले” “एक राम सकल पसारा, एक राम सबसे न्यारा”एक भक्ति श्लोक है जो

क्या गाऊँ प्रभु मेरे तुम धकङकन में समाए दिल के हर कोने में पुकार तुम्हारी आती है फिर भी दिल

आज का प्रभु संकीर्तन।।भगवान को पाने का सर्वोत्तम,सहज और अत्यंत सुलभ मार्ग भक्ति मार्ग है।इस धरा धाम पर आने के

प्रभु श्रीराम के जीवन का यदि सहस्रान्श भी हमने जीवन में उतार लिया तो इस छोटे से जीवन की नैय्या

सच्ची भक्ति और परमेश्वर की प्राप्ति इसी जन्म में ही हो सकती है इसलिए जो कुछ करना है अब ही

हनुमान जी की मान्यता पर विचार करें, इस जगत में जितने पूजाघर हैं, सबसे अधिक हनुमान जी के हैं। सबसे

एक छोटा बच्चा माँ की उंगुली पकड़कर मेले में जा रहा था। एक जगह रंग- बिरंगी मिठाई देखकर बच्चे ने