वैदिक_घड़ी 🧭⏱️
देखिये, जानिए और समझिए कि भारत के सभी वस्तुओं को कैसे-कैसे नष्ट किया गया, पूरा अवश्य पढ़ें…… ◆ 12:00 बजने
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1 भगवान के नाम रस मे प्रीति बढ़ेगी.. चिंता, दुःख मिटते , पाप नाश होते तो भगवान मे आनंद आने
भक्त भगवान का चिन्तन मनन करते हुए भगवान का बन जाना चाहता है। अपने इष्ट का ध्यान करना अपने भगवान
एक बार शुकदेव जी के पिता भगवान वेदव्यास जी महाराज कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक
.एक व्यक्ति की नई नई शादी हुई और वो अपनी पत्नि के साथ वापिस आ रहे थे !.रास्ते में वो
ठाकुर जी के हस्ताक्षर जो भक्त का रूप धारण कर के न्यायालय में किये , आज भी उसकी प्रतिलिपि भगत
सूरध्वज ब्राह्मण वंशी राजा मित्रसेन बादशाह के प्रधान दीवान थे। वे महान् धर्मात्मा तथा उदार थे। अतुल सम्पत्ति होने पर
एक बार देवी सत्यभामा ने देवी रुक्मणि से पूछा कि दीदी क्या आपको मालुम है कि श्री कृष्ण जी बार
प्राचीन कथा के अनुसार एक बार धरती पर विश्व कल्याण हेतु यज्ञ का आयोजन किया गया। तब समस्या उठी कि
जब भी भगत को भगवान् की याद आती है, कोई दुःख तकलीफ आती है, उसका करुण हृदय किसी संसार के