
दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज
बन ठन देखो चले शिव की बारात दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज बाजे नगाड़ा ढोल डमरू का साज

बन ठन देखो चले शिव की बारात दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज बाजे नगाड़ा ढोल डमरू का साज

चाहे तू तन पे भस्म रमा ले चाहे गले में नाग फसा ले, चाहे तू तन पे भस्म रमा ले

आज तो गोरा रे देखो बनी रे दुल्हनिया चली ईसर जी के साथ जरा देखन दो, देखन दो, शीश गोरा

सुखी रहे जग सारा प्रभु, दुखिया रहे न कोय, ऐसी विनती हम सबकी, बाबा पूरी होय , बल बुद्धि विद्या

की लेना दुनिया से भोले धर दे सिर पे हाथ तेरा मैं जोगन बन के नाचू गी तू देदे भोले

महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः । अथाஉवाच्यः सर्वः स्वमतिपरिणामावधि गृणन् ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः ॥ १

ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय कैलाश पर्वत तो शिवजी आये विच

तन मेरा मंदिर और मन है शिवाला , इसमें बसा है जी बस डमरू वाला, दिन रात जपता हु बस

मैं जोगन बन जाऊ गी शम्बू तोहे कारन, शम्बू तोहे कारन, बाबा तोहे कारन, मैं ढम ढम वांगु नचदी फिरा,

शिव रात दिया शिव नु बदईया, है सज गई हिमाचल दी वादी, आज शिव पारवती दी है शादी , केलाश