सुखी रहे जग सारा प्रभु
सुखी रहे जग सारा प्रभु, दुखिया रहे न कोय, ऐसी विनती हम सबकी, बाबा पूरी होय , बल बुद्धि विद्या
सुखी रहे जग सारा प्रभु, दुखिया रहे न कोय, ऐसी विनती हम सबकी, बाबा पूरी होय , बल बुद्धि विद्या
की लेना दुनिया से भोले धर दे सिर पे हाथ तेरा मैं जोगन बन के नाचू गी तू देदे भोले
महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः । अथाஉवाच्यः सर्वः स्वमतिपरिणामावधि गृणन् ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः ॥ १
ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय कैलाश पर्वत तो शिवजी आये विच
तन मेरा मंदिर और मन है शिवाला , इसमें बसा है जी बस डमरू वाला, दिन रात जपता हु बस
मैं जोगन बन जाऊ गी शम्बू तोहे कारन, शम्बू तोहे कारन, बाबा तोहे कारन, मैं ढम ढम वांगु नचदी फिरा,
शिव रात दिया शिव नु बदईया, है सज गई हिमाचल दी वादी, आज शिव पारवती दी है शादी , केलाश
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलो लवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि, धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके, किशोर चन्द्र शेखरे रतिः
तेरे साथ रहना मुश्किल, हो गया है मेरा भोले, हो गया है मेरा तुझको, जाऊँ छोड़ के, तू पीना भांग
आ गौरा तैनु जंज दिखावा, देख महल ते चढ़के ओ पतिदेव तेरा, आया बैल ते चढ़के ओ पतिदेव तेरा, भैरो