डमक डम डमरू बाजे
शंकरा मेरे शंकरा……. डमक डम डमरू बाजे हो मेरा भोला नाचे सावन में घिर घिर आई घटाएं खोल दी भोले
शंकरा मेरे शंकरा……. डमक डम डमरू बाजे हो मेरा भोला नाचे सावन में घिर घिर आई घटाएं खोल दी भोले
भजा दे डमरू फिर भजा दे, ओह भोले धमक उठा दे पिके थोड़ी भंग तू आजा मेरे संग तू ठुमका
क्यों रूठे सब से यु भोले हमे मन्दिर बुलाये न ये सावन प्यासा रह जाए जो कावड हम ला पाए
जय भोले तेरी शरण मैं आई प्रेम सुधा का प्याला पिया प्रेम की बूटी खाई जय भोले……………. भूतनाथ है रुद्रनाथ
दरश करो शिव जी के करो शुभ दिन जिन्दगी के, दूर करो ग़म जी के मिले सारे सुख धरती के
पर्वत पे जो रेहते करते बैल की सवारी, पर भगतो को देते है बंगले मोटर गाडी, दानी दूजा कौन होगा
हे गौरा माँ पार्वती, तेरा दूल्हा कैसे आया है ll दूल्हा कैसे आया है, तेरा दूल्हा कैसे आया है l
पंचाकक्षर मंत्र जग में निराला जो भी जपे पाए सुख का प्याला अंतर आत्मा में शिव है समाते मन में
राजे हिमाचल पारवती दा जदो सी व्याह रचाया पार्वती दे बूहे अगे शिव ने नाद वजाया, गोरा दा देखो लाडा
भोले बाबा कहा छुपे हो सुध क्यों न लेते हो आया शरण जो भोले बाबा वर तुम देते हो नील