
भोले की कावड़ ल्यावे हरिद्वार से
बम बम बोल के चलो रे दिल खोल के, भोले की कावड़ ल्यावे हरिद्वार से बुलावे भोला प्यार से, मस्त

बम बम बोल के चलो रे दिल खोल के, भोले की कावड़ ल्यावे हरिद्वार से बुलावे भोला प्यार से, मस्त

सबका लौटा निर्मल जल से प्रेम पूर्वक न्हाले, लाया पिंड बाजरे का भोले आ के भोग लगा ले, तू भी

ईशा करके आये भोले पूरी कर छपड़ पाड़ के तेरी वेट में बैठे सब शिव शम्भू चिलम हम मार के

भोले बाबा शरण में तुम्हारी, बैठी दर पे तेरे कब लोगे खबरियां हमारी, भोले बाबा शरण में तुम्हारी अपनी मस्ती

कोई देवता नही है भोले नाथ की तरह, लुटा ते है खजाने बड़े साब की तरह, शिव ने हमारे वास्ते

भोले बम के नारा से गूंज रहा जग सारा, बड़ा ही प्यारा लागे देवघर का नजारा, हवाओ में अज़ाब सा

सिर पे तेरे गंगा मियां गले में तेरे सर्पो की माला, विष पिया तूने जेह्रीला हो गया तेरा रंग भी

गंगा किनारे मंदिर तेरा भूतो का तू स्वामी है सारी दुनिया बोले तुझको बाबा औघड़ दानी है, मरघट के पास

आ जा शिव नाम वाली पी लै भंग भगता, बन शिव दा तू मस्त मलंग भगता, शिव जी दा नाम

शिव की रात आई शिव रात आई शिव की रात शिव रात्रि, धरती झूमे अम्बर झूमे झूमे दिन और रात