देखो रे देखो सावन आ गया है
भोले बम के नारा से गूंज रहा जग सारा, बड़ा ही प्यारा लागे देवघर का नजारा, हवाओ में अज़ाब सा
भोले बम के नारा से गूंज रहा जग सारा, बड़ा ही प्यारा लागे देवघर का नजारा, हवाओ में अज़ाब सा
सिर पे तेरे गंगा मियां गले में तेरे सर्पो की माला, विष पिया तूने जेह्रीला हो गया तेरा रंग भी
गंगा किनारे मंदिर तेरा भूतो का तू स्वामी है सारी दुनिया बोले तुझको बाबा औघड़ दानी है, मरघट के पास
आ जा शिव नाम वाली पी लै भंग भगता, बन शिव दा तू मस्त मलंग भगता, शिव जी दा नाम
शिव की रात आई शिव रात आई शिव की रात शिव रात्रि, धरती झूमे अम्बर झूमे झूमे दिन और रात
आये दर्शन को हम भी तुम्हारे तुम ही हो भोले बाबा हमारे, जाके बैठे हो ऊंची पहाड़ियां कितनी सूंदर बनाये
चल चल रे कावड़ियाँ भर भर के गगरियाँ, बाबा रत्नेश्वर के धाम, गंगा जल से नेहलायेगे बन जायेगे बिगड़े काम,
हो तेरी जय हो डमरू वाले, तेरी जय हो डमरू वाले, जग के तुम रखवाले , तेरी जय हो डमरू
मेरे भोले को, चढ़ गई भांग, भोला नाचे रे, और डम डम डंमरू वाजे, कि भोला नाचे रे, *बम नाचे,
ॐ नमः शिवाय बोलो ॐ नमः शिवाय शिव रात्रि त्यौंहार आ गया शिव रात्रि त्यौंहार शिव की मंगलमय भक्ति का