मै कोई छोटा बच्चा नहीं हूँ
सुबह के समय बैड पर सोया इक्कीस वर्षीय विश्वास उठकर कमरे से बाहर निकल; किचन की ओर आने लगा। किचन
सुबह के समय बैड पर सोया इक्कीस वर्षीय विश्वास उठकर कमरे से बाहर निकल; किचन की ओर आने लगा। किचन
ये जगत, प्रेम को वासना ही समझ बैठा है।पर प्रेम उपासना है । प्रेम साधना है।प्रेम चेतना की उच्चतम अवस्था
तुम्हे एक भक्त और एक सज्जन व्यक्ति से मिलन का भेद बताती हूँ। एक सज्जन जब अपने मित्र से रिश्तेदार
पापा के सपने में एक बार बचपन में पापा से गुस्सा होकर घर से चल दिया इतना गुस्सा था कि
बिटिया बड़ी हो गयी, एक रोज उसने बड़े सहज भाव में अपने पिता से पूछा – “पापा, क्या मैंने आपको
सुख और दुख दो प्रकार के है संसार में जो सुख प्राप्त होता है वह सुख इन्द्रियों और मनका सुख
एक सन्यासी ने देखा एक छोटा बच्चा घुटने टेक कर चलता था, धूप निकली थी, बच्चे की छाया आगे पड़
*मेरी बेटी की शादी थी और मैं कुछ दिनों की छुट्टी ले कर शादी के तमाम इंतजाम को देख रहा
एक सखी कहती हैं। अन्य बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं। वे बहुत अच्छे हैं। तब दुसरी सखी कहती हैं परायों
सरकारी कार्यालय में लंबी लाइन लगी हुई थी। खिड़की पर जो क्लर्क बैठा हुआ था, वह तल्ख़ मिजाज़ का था