
कर्म में भगवान छुपे बैठे हैं
कर्म जीवन की सच्चाई है कर्म में भगवान छुपे बैठे हैं। कर्म करते हुए जितने हम भगवान के नजदीक है
कर्म जीवन की सच्चाई है कर्म में भगवान छुपे बैठे हैं। कर्म करते हुए जितने हम भगवान के नजदीक है
सच्चा सिमरण गृहस्थ धर्म में ही सम्भव है। जंहा कोई हमें पुजने वाला नहीं है।हम गृहस्थ धर्म में कितना ही