
(महारथी कर्ण)
।। श्रीहरि: ।। सहस्र कवच नाम का एक असुर था जो भगवान सूर्यदेव का अनन्य भक्त था। वैसे उसका असली
।। श्रीहरि: ।। सहस्र कवच नाम का एक असुर था जो भगवान सूर्यदेव का अनन्य भक्त था। वैसे उसका असली
हनुमान जी की पूजा से ही नहीं बल्कि उनसे कुछ बातें सीख लेने पर भी हमारी सभी परेशानियां दूर हो
“एक भोगी राजा की दासी दीवान खंड की सफाई करते करते पलंग की सुंदरता देख दो मिनट के लिये बैठी
सम्राट विक्रमादित्य एक महान व्यक्तित्व और शक्ति का प्रतीक थे लेकिन, आज उनसे जूड़े सबूतों की अनुपस्थिति का मतलब यह
एक समय की बात है एक भाई बहन रहते थे। बहन का नियम था कि वह अपने भाई का चेहरा
मानस -चिंतन जब सभी देवता यहाँ तक स्वयं ब्रह्मा और विष्णु जी असमंजस में थे कि वो परब्रह्म परमात्मा मिलेगा
अक्सर कुछ लोग सोचते है कि सतगुरु से ज्ञान अर्थात नामदान लिये कई वर्ष हो गए थोड़ा बहुत भजन सिमरन
बात उस समय की है जब श्री तपासेजी उत्तरप्रदेश के राज्यपाल थे | श्री तपासे जी बाबा का दर्शन करने
एक आदमी जंगल से गुज़र रहा था ।उसे चार स्त्रियां मिली ।उसने पहली से पूछा – बहन तुम्हारा नाम क्या
कल सुबह मैं होली की खरीदारी करने मार्केट जा रहा था।ठाकुर जी (बाल रुप) मुझसे कहने लगे :- बाबा मैं