परमात्माकी प्राप्ति जल्दी कैसे हो
परमात्मप्राप्ति का उद्देश्य लेकर चलनेवाले जितने भी मनुष्य हैं, उन सबको परमात्मप्राप्ति होगी, पर कब होगी ? कितने जन्मोंके बाद
परमात्मप्राप्ति का उद्देश्य लेकर चलनेवाले जितने भी मनुष्य हैं, उन सबको परमात्मप्राप्ति होगी, पर कब होगी ? कितने जन्मोंके बाद
जो सुखकर, रुचिकर से भी ज्यादा हितकर है | जो मझहब, संप्रदाय से भी ज्यादा हमारा अपना है |जो मानव-मात्र
एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया तो रास्ते में क्या देखता है कि एक छोटा बच्चा माटी के
हम अपने घर को जीतेजी खुब चमका कर रखे। हमारे घर के कोने कोने में एक चमक हो हमारा घर
. रामानुज एक गांव में ठहरे थे। एक आदमी उनके पास आ गया और कहने लगा कि मुझे प्रभु से
एक दिन एक भक्त के पेट में दर्द हो जाता है दर्द दो तीन दिन रहता है भक्त सोचता है
मैं वह भारत हूँ जिसने पिछले पाँच हजार वर्ष में कभी अपने किसी बेटे का नाम दु:शासन नहीं रखा क्योंकि
भगवान को याद करते हुए यह सोच सकते हैं। कि आज मेरे स्वामी भगवान् नाथ देखो मुस्करा रहे हैं। भगवान
एक दिन एक भक्त के पेट में दर्द हो जाता है दर्द दो तीन दिन रहता है भक्त सोचता है
।। ब्रह्मा विष्णु महेश अर्थात ये तीनों एक ही शक्ति हैं। परब्रह्म ने स्वंय को तीन भागों में इसलिए बांटा