
Quote 57
एक तरफ “उम्मीद” है जो किसी से “सन्तुष्ट” नहीं होतीऔर,दूसरी तरफ “सन्तुष्टि” हैंजो कभी किसी से “उम्मीद” ही नहीं रखतीमस्त

एक तरफ “उम्मीद” है जो किसी से “सन्तुष्ट” नहीं होतीऔर,दूसरी तरफ “सन्तुष्टि” हैंजो कभी किसी से “उम्मीद” ही नहीं रखतीमस्त

दिल से इंसान का अच्छा होना जीवन का सबसे बड़ा मूल्य है। एक अच्छा मूल्य रखने का अर्थ है, उसका

” प्रेम “ जो काम धीरे बोलकर, मुस्कुराकर और प्रेम से बोलकर कराया जा सकता है उसे तेज आवाज में

“धूरि भरे अति शोभित श्याम जू,तैसि बनी सिर सुन्दर चोटी। खेलत खात फिरै अँगना,पग पैजनिया कटि पीरि कछौटी। वा छवि

आज का दिव्य संदेश।ईश्वर सबका भाग्य लिखते तो कोई भी दुख नहीं होता। पर ऐसा नहीं है। ईश्वर ने हर

सर्वोत्तम प्रेमाभक्ति श्रीगोपीजन की है । सर्वोच्च अवस्था श्रीगोपीजन की यह है कि जहाँ केवल प्रभु को प्रेम देना-ही-देना है

*मत पूँछा करो कि कैसे गुजरता है हर पल तेरे बिना!**कभी बात करने की हसरत तो कभी देखने की तमन्ना!!*

किसी के साथ अपनी भावनाओं को साझा करना,कमजोरी का संकेत नहीं है।यह दिखाता है किआपके पास पूरी तरह से किसी

धर्म का आधार ही परहित है परोपकार है यदि जिसके ह्रदय में परहित का भाव नही केवल अपना ही पेट

जो करना है आज कर लो, कल तो ख़ुद कल के इंतेज़ार में है। देर से समझ में आने वाला